अब नक्सलियों की खैर नहीं, बूढ़ा नदी पर बना वैकल्पिक पुल

अब नक्सलियों की खैर नहीं, बूढ़ा नदी पर बना वैकल्पिक पुल

बूढ़ा पहाड़ पर इस बार पुलिसिया अभियान और अभियान से अलग है। इस बार का पुलिसिया अभियान नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ से उखाड़ फेंकना…

अब नक्सलियों की खैर नहीं, बूढ़ा नदी पर बना वैकल्पिक

 

गारू संवाददाता रामदयाल यादव की रिपोर्ट

लातेहार,। बूढ़ा पहाड़ पर इस बार पुलिसिया अभियान और अभियान से अलग है। इस बार का पुलिसिया अभियान नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ से उखाड़ फेंकना है। अभियान के दौरान बूढ़ा नदी का पानी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आता था। पानी का स्तर बढ़ने के बाद अभियान धीमा पड़ जाता था। इसी परेशानी को देखते हुए एसपी अंजनी अंजन ने बूढ़ा नदी पर बोरी बांध बनाने का निर्णय लिया। गुरुवार की सुबह 6 बजे से ही जिला पुलिस आईआरबी और सैट के जवानों के द्वारा उक्त नदी पर पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। एसपी खुद मोर्चा संभाले हुए है। सीआरपीएफ और कोबरा के बटालियन क्षेत्र में मोर्चा संभाले हुए है तो कई थानों के थानेदार पुल निर्माण कार्य मे सहयोग कर रहे है। इस पुल निर्माण के बाद तिसिया और नवाडीह गांव जुट जाएंगे। हजारों ग्रामीणों को राहत होगी। अभियान के दौरान पहुँच पथ को लेकर होने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी। इस बार पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ अभियान कर रही है। इस बार पुलिस और सुरक्षा बलों का लक्ष्य नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ से उखाड़ फेंकना है।

तिसिया और नावाडीह में बनेगा पिकेट

 

पुलिस इस बार अभियान के साथ-साथ पिकेट की भी स्थापना करेगी। हर बार पुलिस के लिए चुनौती बना बूढ़ा पहाड़ पर फतह के लिए दो जगह पर पिकेट बनाई जाएगी। नावाडीह और तीसिया में फिलहाल यह पिकेट स्थापित होगा। पिकेट बनने से ग्रामीणों को भी राहत होगी। यहां से बूढ़ा पहाड़ शुरू हो जाता है। पिकेट बनता है तो हद तक नक्सलियों पर अंकुश लग जाएगा। नक्सली बूढ़ा पहाड़ छोड़कर भागने के लिए