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सरायकेला जिला मुख्यालय बना नकली अवैध लॉटरी का हब।

चांडिल

सरायकेला जिला मुख्यालय क्षेत्र में इन दिनों फिर से अवैध लॉटरी का कारोबार मुख्यालय बन गया .वरीय प्रशासनिक पदाधिकारीयों की चुप्पी अवैध लॉटरी कारोबारियो को संरक्षण देने की और इशारा कर रही है. हालाकि पुलिस प्रशासन बीच में अवैध लौटरी संचालकों करवाई करती है , लेकिन संतोषजनक नहीं है. जिसके कारण फिर अवैध लौटरी का कारोबार बेखौफ चालू हो जाता है . अवैध लौटारी संचालक सरगना( होल सैलर ) किंगपिन जमशेदपुर , चाईबासा सरायकेला शामिल है . जो मध्यस्थकर्ता के द्वारा होकर( रिटेलर ) सक्रिय हो चुके हैं और जमकर अवैध लॉटरी की बिक्री कर रहे हैं। जिसमे स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के कारण धड़ल्ले से अवैध लौटरी का धंधा फलफूल रहा है . प्रतिदिन दिन तीन बार खेल निर्धारित समय विभिन्न नामों डियर स्टॉक -10 डियर, आदि के नमो से लॉटरी का नकली बुक छपवाकर सरायकेला, हाता, सिनी, खरसावा,कोलाबिरा, कांडरा चलियामां, आदरडीह रघुनाथपुर आदि सहित संबंधित थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में बिक्री की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन तकरीबन 5 से 7 लाख रुपए के नकली लॉटरी का कारोबार कर रहे है.। इस गोरखधंधे में लिप्त सरगना जमशेदपुर ,चाईबासा, सरायकेला, के ही रहने वाले हैं, जिनमें राजनीतिक दलों सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के साथ साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन का भी संरक्षण शामिल हैं। अवैध लॉटरी कारोबार के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही हैं। कार्रवाई नहीं होने पर अधिकारियों ओर अवैध नकली लौटरी के किंगपिन के बीच साठ गांठ को दर्शाती है.
गरीब दिहाड़ी मजदूरों की जेबों की सेंध मारी रोजाना लाखों में हो रही है इनके परिवार तंग हाल में जीवन बसर करने को मजबूर है .