गया बिहार:-ऐसी मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है.। श्राद्ध के बाद ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है। श्राद्ध से पितरों को शांति मिलती हैं। वे प्रसन्न रहते हैं और उनका आशीर्वाद परिवार को प्राप्त होता है.।
* मोक्षस्थली गया में इस बार नहीं लगेगा पितृ पक्ष मेला, 2 सितंबर से होना था शुरू, किया गया स्थगित
हालांकि इस साल मोक्षदायिनी ‘गया’ की धरती पर पिंडदान नहीं किया जा सकेगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बिहार सरकार ने ये फैसला लिया है। हालांकि आप सभी तरह के कर्मकांड व दान आदि अपने घर पर कर सकते हैं।
1 सितंबर से शुरू हो रहा है पितृपक्ष
इस साल 1 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है, अंतिम श्राद्ध यानी अमावस्या श्राद्ध 17 सितंबर को होगा ।
ये भी जाने कब होगा कौन श्राद्ध
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) -1 सितंबर 2020
दूसरा श्राद्ध -2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध -3 सितंबर
चौथा श्राद्ध -4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध -5 सितंबर
छठा श्राद्ध -6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध -7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध -8 सितंबर
नवां श्राद्ध -9 सितंबर
दसवां श्राद्ध -10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध -11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध -12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध -13 सितंबर
चौदहवां श्राद्ध -14 सितंबर
पंद्रहवां श्राद्ध -15 सितंबर
सौलवां श्राद्ध -16 सितंबर
सत्रहवां श्राद्ध -17 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या)