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विश्व आदिवासी दिवस पर आज राज्यपाल करेंगी संदीप मुरारका की पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स का लोकापर्ण

जमशेदपुर:पद्य श्री प्राप्त आदिवासी व्यक्तित्वों और जनजातीय हस्तियों पर आधारित पुस्तक शिखर को छूते आदिवासी का लोकार्पण विश्व आदिवासी दिवस रविवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सुबह 11 बजे गूगल मीट के माध्यम से करेंगी। पुस्तक के लेखक शहर के

संदीप मुरारका ने बताया कि शिखर को छूते ट्राइबल्स स्कूली पाठ्यक्रम, शोधार्थियों , यूपीएससी स्टूडेंट्स एवं सामयिक पत्रकारिता के लिए काफी लाभदायक होगी। पुस्तक में आदिवासी हस्तियों की प्रेरक व अनकही सत्य कहानियाँ हैं, जो तस्वीरों के साथ काफी रोचक तरीके से प्रस्तुत की गई हैं. लेखक संदीप मुरारका के अनुसारन जिन लोगों को यह लगता है कि आदिवासी समुदाय आरक्षण के कारण लाभान्वित है। उनको पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स अवश्य पढऩी चाहिए ताकि वे जान सके कि पुस्तक में सम्मिलित किसी भी हस्ती को आरक्षण के कारण नहीं बल्कि उनकी योग्यता , विशिष्टता व महानता के कारण पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए।यह पुस्तक मुंबई के प्रकाशक स्टोरी मिरर हिन्दी ने प्रकाशित की है तथा अमेजन व फ्लिफकार्ट पर भी उपलब्ध होगी।
इस पुस्तक में प्रो दिगंबर हांसदा, मुकुंद नायक, लेडी टार्जन जमुना टुडू, जल पुरुष सिमोन उरांव, डॉ रामदयाल मुंडा, भागवत मुर्मू ठाकुर, चित्तू टुडू, कैनाल मेन दैतारी नायक, तुलसी मुंडा, डॉ दमयंती बेसरा, कमला पुजारी, जंगल की दादी लक्ष्मी कुट्टी, ट्रिनटी साइओ, भज्जू श्याम, गुलाबी सपेरा, थांगा डारलोम, तुलसी गौड़ा और कडिय़ा मुंडा के अलावा बिरसा मुंडा, पंडित रघुनाथ मुर्मू, कोल लाको बोदरा, सिदो कान्हू, फूलो झानो, टाना भगत, नीलांबर पीतांबर, जयपाल सिंह मुंडा के संबंध में जानकारी मिलेगी. यह पुस्तक लद्दाख के गलवन घाटी में शहीद गणेश हांसदा, नुदूराम सोरेन और राजेश ओरांग को समर्पित की गई है. पुस्तक का संपादन मुंबई की दिव्या मिरचंदानी ने व उपसंपादन अमिता केडिया ने किया है. प्रस्तावना विनय पूर्ति ने लिखी है.

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