चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा के घने जंगल में शुक्रवार को हुए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल (जीडी) महेंद्र लश्कर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने शनिवार रात वीरगति प्राप्त की। शहीद जवान असम के निवासी थे। उनके निधन की खबर से पूरे बल में शोक की लहर फैल गई है।
वहीं, इस विस्फोट में घायल इंस्पेक्टर (जीडी) कौशल कुमार मिश्रा और एएसआई (जीडी) रामकृष्ण गागराई राउरकेला के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। घायल एएसआई रामकृष्ण गागराई झारखंड के खरसावां विधायक दशरथ गागराई के भाई हैं।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जवान महेंद्र लश्कर का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च अभियान तेज कर दिया है और माओवादियों की तलाश जारी है।
घटना शुक्रवार शाम करीब चार बजे की है, जब सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे थे। इसी दौरान माओवादियों द्वारा पहले से लगाए गए आईईडी में विस्फोट हो गया। विस्फोट के बाद क्षेत्र में मुठभेड़ भी हुई, जिसमें कई राउंड गोलियां चलीं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में सारंडा क्षेत्र में आईईडी घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। 8 अगस्त को सीआरपीएफ की 209वीं कोबरा बटालियन के दो जवान घायल हुए थे, जबकि 22 मार्च को एक सब-इंस्पेक्टर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अप्रैल में भी झारखंड जगुआर का एक जवान आईईडी धमाके में शहीद हुआ था।
इन घटनाओं का असर न केवल सुरक्षा बलों पर बल्कि क्षेत्र के वन्यजीवों पर भी पड़ा है। हाल के महीनों में तीन हाथी आईईडी विस्फोट की चपेट में आए, जिनमें दो की मौत हो गई।
सारंडा वन क्षेत्र में लगातार चल रहे अभियानों का उद्देश्य माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाना और ग्रामीणों व वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं।

