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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी को 23 वर्ष की कठोर सजा, अदालत ने किया सख्त रुख

चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा में अदालत ने पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक गंभीर मामले में दोषी को 23 वर्ष के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के न्यायालय द्वारा सुनाया गया।यह मामला बंदगाँव थाना क्षेत्र के कांड संख्या 14/2022, दिनांक 22 अप्रैल 2022 से संबंधित है। अभियुक्त डेका मुण्डू उर्फ डेका मुण्डा, पिता मोसो मुण्डू, निवासी लोंगकाटा, थाना बंदगाँव, जिला पश्चिमी सिंहभूम पर एक नाबालिग बच्ची के साथ जबरन दुष्कर्म करने का संगीन आरोप था।घटना के बाद दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 376(3), 376(2)(एन), 504, 506 के साथ-साथ पोक्सो एक्ट की धारा 4/6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान चाईबासा पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पूरे प्रकरण की जांच पूरी कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। विचारण की प्रक्रिया के बाद अदालत ने अभियुक्त डेका मुण्डू को दोषी पाया और धारा 6 पोक्सो एक्ट के तहत 23 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी।न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दोषी जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पुलिस विभाग ने इस फैसले को नाबालिगों के विरुद्ध अपराध करने वालों के लिए कड़ा संदेश बताते हुए कहा कि यह फैसला पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है।

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