पटना. लोक जनशक्ति पार्टी ने साफ कर दिया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी. अब चर्चा इस बात की हो रही है कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के इस फैसले के क्या मायने हैं और आने वाली बिहार की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें पहले लोजपा के उन दो ट्वीट की भाषा को समझना चाहिए जिसमें एलजेपी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया है. लोजपा ने ट्वीट में लिखा, लोक जनशक्ति पार्टी व दलित सेना के संस्थापक आदरणीय राम विलास पासवान जी के निधन के बाद से रिक्त पड़ी राज्यसभा की सीट पर चुनाव है.राज्यसभा की यह सीट संस्थापक के लिए थी जब पार्टी के संस्थापक ही नहीं रहे तो यह सीट बीजेपी किसको देती है यह उनका निर्णय है.
मोहम्मद अखलाक की रिपोर्ट