पश्चिमी सिंहभूम में 13 साल मैट्रिक टन की जरूरत, लेकिन सरकारी तौर पर अब तक 600 मेट्रिक टन ही आपूर्ति
जमशेदपुर:-पश्चिमी सिंहभूम जिले में 17168 9 हेक्टेयर में धान की तैयार फसल पीली पड़ने लगी है। पौधों को यूरिया खाद की सख्त जरूरत है, लेकिन कोरोना संक्रमित कारण जिले में यूरिया की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिले में यूरिया खाद की जरूरत 13 साल मैट्रिक टन की है लेकिन अब तक मात्र 600 मेट्रिक टन ही खाद मिली है। हालत है कि पिछले 1 सप्ताह से चक्रधरपुर सोनुआ गोइलकेरा हॉट गम्हरिया दांत नगर सहित कई प्रखंडों के सरकारी दुकानों में यूरिया खाद नहीं मिल रही है। इधर यूरिया की कालाबाजारी चरम पर है। पड़ोसी जिला सरायकेला खरसावां के अलावा पूर्वी सिंहभूम से सरकारी यूरिया खाद कालाबाजारी के जरिए पश्चिमी सिंहभूम में पहुंच रही है। खाद की कला कारोबार कर रहे दलाल सरकारी मूल्य से 3 गुना ज्यादा दर पर चोरी छुपे बेच रहे हैं। आलम यह है कि गांव-गांव में यूरिया की कालाबाजारी कर रहे दलाल पोस्टर सटकर कारोबार चला रहे हैं। सरकारी रेट 266 .50 एक बोरी की कीमत है जबकि कालाबाजारी में 8 सौ रुपए बोरी बिक रही है
घाटशिला कमलेश सिंह