धनबाद: पिछले दिनों धनबाद सेंट्रल हॉस्पिटल कोविड-19 वार्ड में अपराधी कैदी के द्वारा जाम छलकाने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उसके बाद कतिपय लोगों के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्वीट किया गया था। उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। उसके बाद धनबाद डीसी ने भी जांच का आदेश दिया था। उसके बाद धनबाद सेंट्रल हॉस्पिटल के कोविड वार्ड की देखभाल करने वाले कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन के दोषियों के खिलाफ थी जांच चल रही है। इसी बीच एक खबर ने हड़कंप मचा दिया है कि महिला के साथ मारपीट और रंगदारी का आरोपी जिसे जेल भेजने के पहले कोरोना जांच की गई थी। उस वक्त उसे पॉजिटिव आने पर उसे धनबाद कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन पिछले दिनों उसके द्वारा शराब का जाम छलकाने के बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। इस बात की चर्चा जोरदार ढंग से उस वक्त होने लगी जब शराब पीते फोटो वायरल होने के बाद अपराधी संटू गुप्ता को पुलिस जेल भेज रही थी तो कथित तौर पर एक सिपाही के द्वारा अपने अधिकारी से कहे जाने की खबर है सर यह तो 2 दिन में ही एक पैग से कोरोना वायरस को मार दिया। उसकी यह बात सुनकर आप सर भी आश्चर्यचकित हो गए फिर बोले छोड़ो उसे हथकड़ी लगा जल्दी भेजो नहीं तो अस्पताल वाला खेल यहां भी कर न दे। पुलिस वाले की बात सुनकर अफसर के दिमाग में भी यह बात उठने लगी कि क्या शराब पीने से कोरोना वायरस नहीं मरता! परंतु सिपाही के बाद से सोचने पर भी मजबूर हो गए और सोचने लगे अल्कोहल मिला हुआ सेनीटाइजर का प्रयोग भी लोग इसीलिए कर रहे हैं। इधर दूसरी ओर चिकित्सक के द्वारा भी इस बात पर अनुसंधान मैं लगने की खबर है कि आखिर शराब पीने के बाद कोविड-19 अभियुक्त महज 24 घंटे में ही पॉजिटिव से नेगेटिव कैसे हो गया।
बता दें कि सेंट्रल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव अपराधी की शराब पीने के फोटो वायरल होने और झारखंड के मुख्यमंत्री के द्वारा संज्ञान लेने के बाद धनबाद उपायुक्त के निर्देश पर सिंटू गुप्ता और छोटू गुप्ता के खिलाफ सराय ढेला थाना में एक ओर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की खबर है। वहीं ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए उपायुक्त ने एएसआइ सुरेंद्र राम समेत आठ पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा इनके खिलाफ विभागीय जांच का भी निर्देश देते हुए कार्रवाई करने की बात कही गई है। साथ ही इस मामले में उपायुक्त ने वरीय अधिकारियों को जांच कर अन्य दोषियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर उपायुक्त ने घटना के दिन कोविड-19 अस्पताल में ड्यूटी पर उपस्थित डॉ संजय कुमार मिश्रा, सिस्टर किरण कुमारी तथा शारदा कुमारी एवं वार्ड बॉय शंकर से स्पष्टीकरण पूछने एवं उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का भी निर्देश बीसीसीएल प्रबंधन को दिया है।जिससे अस्पताल महकमें में भी हड़कंप मच गया है।
खबरों के अनुसार निलंबित पुलिस कर्मियों में एएसआइ सुरेंद्र राम, आरक्षी भागी उरांव, चौकीदार भीम कर्माकर और सेंट्रल हॉस्पिटल की सुरक्षा में तैनात हवलदार ओम प्रकाश मिश्रा, सिपाही कुलदीप उरांव, गुलाब चौधरी, भोला उरांव तथा दुखराज उरांव शामिल है।
बहरहाल यह जांच का विषय है।