घाटशिला : कमलेश सिंह
घाटशिला :घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी प्रखंड के गोहला पंचायत के गोहला गांव के देवली निवासी सोनिया धीवर आपनी गरीबी के कारण शौचालय पर रहने के लिए मजबूर हैं। वह भी शौचालय का टूटा हुआ दरवाजा को ही बिस्तर बनाकर सोती है। बरसात होने पर शौचालय के अंदर ही अन्य सामानों के साथ किसी तरह खुद को एडजस्ट कर रहती है। इस महिला के पास अंतोदय कार्ड उसके स्वर्गीय पति के नाम पर है। राशन कार्ड पुराना होने के कारण राशन भी नहीं मिलता है।
बरसों पहले हो चुका है पति का देहांत
जीविका उपार्जन का एकमात्र सहारा नदी से मछली पकड़ना एवं बाजारों में बेचकर अपनी जीविका चलाती है।
मछली बेच कर पेट भरने लायक भी नहीं होता है कमाई
सोनिया धीवर का कहना है कि जिस दिन मछली नहीं मिलता है उस दिन भूखे पेट ही सोना पड़ता है।
काफी सालों पहले बनी थी इंदिरा आवास वह भी काफी जर्जर हो चुका है। उसी जर्जर आवास में उनके पुत्र एवं पुत्रवधू अपने दो बच्चों के साथ जान जोखिम में डालकर रहते हैैं। पर्याप्त मात्रा में जगह नहीं होने के कारण सोनिया धीवर को शौचालय में ही रहना पड़ता है। इनके पुत्र या पुत्रवधू के नाम पर भी न राशन कार्ड। और आधार कार्ड तक नहीं बना है।
परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं मिलता है राशन
जानकारी हो कि सोनिया धीवर के पुत्र रंजीत धीवर एवं उसकी पत्नी दोनों मिलकर दिनभर नदी मछली पकड़ते है तभी परिवार का भरण पोषण होता है। गरीबी के कारण एवं किसी भी प्रकार की सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण परिवार की अवस्था काफी दयनीय हो चुका है। जिसे देखने एवं सुनने वाला कोई नहीं है ।