चौंकाने वाला खुलासा: थाना प्रभारी ही बना बालू तस्करी का संरक्षक?
धनबाद जिले के सुदामडीह थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन एक लम्बे समय से चिंता का विषय रहा है। अब सामने आए तथ्यों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस खनन को रोकने की बजाय, थाना प्रभारी राहुल सिंह पर ही आरोप लग रहे हैं कि वे इस पूरे अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं।मार्च 2025 में चार्ज लेने के तुरंत बाद, थाना प्रभारी ने कथित रूप से एक कुख्यात बालू सिंडिकेट संचालक “पांडेय बाबा” से संपर्क किया।
दामोदर नदी के किनारे सुदामडीह नया पुल के पास ,मोहाल बनी और ओल्ड इंकलाइन के पास से बालू का उठाव चलता है।रात्रि के 11 बजे इन रास्तों पर सरपट ट्रैक्टर गाड़ियाँ दिखती हैं।
सूत्रों के अनुसार, सौदे के तहत प्रति ट्रैक्टर पर ₹8000 प्रति माह की “सेटिंग” तय हुई, और प्रतिदिन 200–300 ट्रैक्टर बालू का उठाव शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि अधिकारी ने एडवांस भुगतान की भी मांग की थी, और इस समझौते के बाद अवैध खनन में तेजी आ गई।तकरीबन बीस मार्च से यहाँ बालू का उठाव अब तक बदस्तूर जारी है।
बिना थाना की मिलीभगत के बालू नहीं उठता” – स्थानीय कारोबारी क्या एसएसपी साहब को ख़ुश करने के लिए पुलिस ने जानबूझकर आम जनों को जेल भेजा ?
नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय व्यापारी ने बताया कि, “यहाँ बिना थाना प्रभारी की जानकारी के एक बाल्टी बालू भी नदी से नहीं उठती। और जो लोग ‘सिस्टम’ में नहीं हैं, उन्हीं को बलि का बकरा बनाया जाता है।”थाना प्रभारी के चालक शम्भू यादव इस पूरे खेल में मास्टरमाइंड का रोल निभाते हैं।
निर्दोष पर कार्रवाई, असली दोषी आज़ाद? पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल?क्या साहब को ख़ुश करने के लिए साज़िश रची जा रही है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने सिंडिकेट को पैसे नहीं दिए, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं, असली बालू माफिया अब भी खुलेआम ट्रैक्टर दौड़ा रहे हैं। आरोप है कि थाना प्रभारी राहुल सिंह ने जानबूझकर निर्दोष लोगों को जेल भेजा, ताकि असली आरोपियों पर से ध्यान हटाया जा सके।
कुछ दिनों पूर्व कोयला का उठाव
मनोज पांडेय नामक युवक के बारे में कहा जा रहा है कि वही इस पूरे सिंडिकेट को ऑपरेट करता है। उसके भाई पर स्थानीय मीडिया को “मैनेज” करने का आरोप है, जिससे इस पूरे खेल की जानकारी जनता तक नहीं पहुँचती।