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गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल की स्थापना के 15 वर्ष पूरे गरीबों के लिए मसीहा के समान हैं डॉ. नागेन्द्र सिंह, हर माह कैम्प लगाकर गरीबों का नि:शुल्क करते हैं ऑपरेशन

जमशेदपुर : चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है. ऐसे ही धरती के भगवान की श्रेणी में डॉ नागेंद्र सिंह हैं. वे इस जिले के लिए किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. अमीर-गरीब सभी की जुबां पर उनका नाम हैं. विगत 30 वर्षों के अपने चिकित्सा पेशे में उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. लेकिन विगत 15 वर्षों पूर्व अपनी मां गंगा देवी की स्मृति में खोले गए ‘गंगा मेमोरियल होस्पिटलÓ ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों में खासी पहचान कायम की है।

वगैर फीस के शुरु की अपनी प्रैक्टिस

1990 में राँची रिम्स से एमएस (सर्जरी ) करने के बाद डॉ. नागेन्द्र सिंह ने बहरागोड़ा प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र से अपना कार्य शुरू किया. इश दौरान बहरागोड़ा प्रखंड का ऐसा कोई गांव नहीं जहां वे पैदल या साइकिल से मरीज को देखने नहीं गए हों. बहरागोड़ा में कार्यरत रहने के दौरान वे गांव में पैदल जाकर घर घर सभी को देखते थे. फीस कभी नहीं लेते थे. ग्रामीणों के घर का बना खाना खा लिया या. फीस के तौर पर ग्रामीण उन्हें अपने खेत में उगने वाली सब्जी जरूर भेंट करते थे.

पेड़ों के नीचे करते थे ऑपरेशन

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्ष के नीचे कैम्प लगाकर सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक डॉ. नागेन्द्र सिंह छोटा-मोटा ऑपरेशन करते थे. उन्हें जब जानकारी हुई कि पैसे के अभाव में लोग ऑपरेशन नहीं कराते हैं. इलाज नहीं करा पाते हैं. इसलिए उन्होंने किसी से पैसा नहीं लेने की शपथ ली. हालांकि उनकी मां गंगा देवी ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनसे गरीबों की नि:शूल्क सेवा करने का वचन लिया था. डॉ. सिंह ने उन्हें ताउम्र गरीबों की सेवा का वचन दिया तथा कभी उनसे पैसा नहीं लिया.

स्टेपलर या दूरबीन विधि से ऑपरेशन शुरु कर लायी क्रांति

गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल पूरे झारखण्ड में सबसे किफायती दर पर गुणवत्ता पूर्ण इलाज के लिए जाना जाता है. इसमें सबसे बड़ी खूबी मरीजों के साथ डॉ. नागेन्द्र सिंह का व्यवहार है. इनके पास आने से आधी बीमारी इनके व्यवहार से ही दूर हो जाती है. डेढ़ दशक पहले अपने कर्म क्षेत्र को बहरागोड़ा एवं घाटशिला से छोड़कर जमशेदपुर आए तथा गंगा मेमोरियल अस्पताल की स्थापना की. आधुनिकतम तकनीक स्टेपलर या दूरबीन विधि से पाइल्स का ऑपरेशन कर जमशेदपुर ही नहीं बल्कि पुरे झारखण्ड में एक क्रांति लायी.

लॉकडाउन में 32 मरीजों का किया ऑपरेशन

कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दरम्यान डॉ. नागेन्द्र सिंह ने मरीजों की चिकित्सा कभी बंद नहीं की. इस अवधि में उन्होंने नि:शुल्क 32 गंभीर ऑपरेशन कर इंसानियत की मिशाल कायम की. इस दौरान शहर के सभी क्लिनिक, नर्सिंग होम, छोटे अस्पताल बंद पड़े थे. ऐसे में गंगा मेमोरियल अस्पताल खुला रहा तथा मरीजों की चिकित्सा में जारी रही.

राज्यपाल सहित कई संस्थाओं ने किया सम्मानित

ग्रामीण क्षेत्रों में नि :शुल्क चिकित्सा सेवा एवं ऑपरेशन के लिए झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने डॉ. सिंह को सम्मानित किया. इसके अलावे डॉक्टर्स डे पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अलावे कई संस्थाओं एवं मिडिया घरानों की ओर से भी डॉ. सिंह को सम्मानित किया गया.

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