झारखंडःसुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर राज्य के प्रभारी डीजीपी एमवी राव की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी.इस पर सुनवाई करते हुए आज कोर्ट ने कहा है कि यह सर्विस मैटर से जुड़ा मामला है,इसे जनहित याचिका नहीं माना जा सकता. गिरीडीह के प्रह्लाद सिंह नामक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती दी थी.आज करीब 15 मिनट तक चली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर मामला निष्पादित कर दिया है.दायर याचिका से इस मामले को लेकर केएन चौबे के दोबारा डीजीपी बनने की चर्चा जोरो पर थी.केएन चौबे को वर्तमान सरकार द्वारा 9 महिने में हटा दिया गया था जिस पर यूपीएससी ने भी झारखंड सरकार को शो काॅज किया था.नियमानुसार डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम 2 वर्षों का होता है किंतु कार्यकाल के पूर्व डीजीपी को हटाने के लिए नियमानुसार कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है.
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