देवघर:देवघर के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर ने डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) नामक साइबर फ्रॉड से बचाव को लेकर जिलावासियों को सतर्क किया है। उन्होंने बताया कि ठग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को डराकर ठगी कर रहे हैं।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक साइबर अपराध है, जिसमें ठग अनजान नंबर से कॉल या वॉट्सएप करते हैं और खुद को पुलिस, सीबीआई, आरबीआई, या कस्टम अधिकारी बताते हैं। वे वीडियो कॉल पर फर्जी सरकारी सेटअप दिखाकर डराने की कोशिश करते हैं। ठग आरोप लगाते हैं कि आपके आधार कार्ड या मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हुआ है।
ठगी के नए तरीके
फेक ड्रग पार्सल स्कैम: ड्रग्स से जुड़े पार्सल के नाम पर डराकर ठगी।
मनी लॉन्ड्रिंग: फर्जी केस का डर दिखाकर पैसे ऐंठना।
फर्जी अधिकारियों का सेटअप: वर्दीधारी व्यक्ति और नकली कार्यालय दिखाकर भ्रमित करना।
बचाव के उपाय
1. किसी अनजान नंबर से कॉल या वीडियो कॉल पर बात न करें।
2. घबराने की बजाय सावधानी बरतें और कॉल को इग्नोर करें।
3. ऐसे मामले की तुरंत सूचना नजदीकी थाने या 1930 हेल्पलाइन पर दें।
4. अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
उपायुक्त की अपील
उपायुक्त ने कहा कि वर्चुअल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए सतर्कता जरूरी है। ठगी से बचने के लिए जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें।