1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण 27% का प्रस्ताव पास होना झारखण्ड के आम जनता की जीत :- मो० उमर फारूक अंसारी

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण 27% का प्रस्ताव पास होना झारखण्ड के आम जनता की जीत :- मो० उमर फारूक अंसारी

 

सबसे पहले तो मैं पूरे झारखण्ड प्रदेश में जितने भी खतियानधारी लोग हैं उसको मैं खतियानी जोहार करता हूं।

1932 के आधार पर खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी का 27% आरक्षण कैबिनेट के द्वारा प्रस्ताव पास किया जाना यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले का जोरदार स्वागत किया जाता है और हमारे झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय बड़े भाई हेमंत सोरेन जी का आभार व्यक्त करता हूं।

यह जीत हर स्थानीय और तमाम खतियान धारी आंदोलनकारी साथियों की जीत है।

अब अभिलंब इस फैसले को झारखंड विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर पास किया जाए। और 1932 खतियान के आधार को लेते हुए आंध्र प्रदेश की तर्ज पर संविधान के अनुच्छेद 371 के आधार पर स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति अविलंब बनाया जाए। ताकि झारखंड प्रदेश के सभी खतियान धारी आदिवासी मूलवासी छात्र नौजवान के नौकरियों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति झारखंड प्रदेश के लिए बहुत बड़ा वरदान है इसका में तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। इसका लाभ यहां के तमाम खतियान धारियों को मिलेगी जिससे हर घर में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार जरूर मिलेगा