प्रखंड में संचालित सरकारी शराब दुकानों में शराब बिक्री में मनमाना पैसा वसूला जा रहा है।इस संबंध में कई ग्राहको ने शिकायत करते हुए बताया कि शराब बिक्री में सभी कंपनी के क्वार्टर से लेकर फूल तक की शराब में 10 से 100 रुपये तक ग्राहकों से ज्यादा लिया जा रहा है।खरीदारों को रेट बढऩे की बात कह कर मनमानी वसूली की जा रही है।जबकि अभी प्रिंट रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आलम यह है कि दुकानों पर तो डेढ़ से दो गुना राशि तक ग्राहकों से वसूली की जा रही है।वही शराब दुकान में रेट चार्ट भी नहीं लगाया गया है।यहां तक कि इनकी मिलीभगत दर्जनों प्राइवेट स्थलों पर अधिक दामो में शराब की बिक्री हो रही है।जिससे रोजाना शराब दुकान में रेट को लेकर ग्राहकों और सेल्समैन के बीच तू-तू-मैं-मैं होते रहता है।कई लोगो ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमलोगों से प्रिंट रेट से ज्यादा पैसा लिया जाता है और रसीद भी नहीं दी जाती है।
क्या है नियम।
आबकारी अधिनियम और नियम के तहत प्रत्येक शराब की दुकान के बाहर उस दुकान में कौन सा ब्रांड है और उसकी कीमत क्या है उसकी जानकारी के लिए दुकान के बाहर लिस्ट चस्पा करनी जरूरी होती है,साथ ही हर बिक्री पर ग्राहक की रशीद देना है लेकिन प्रखंड में संचालित होने वाली शराब की दुकान पर इस तरह के किसी भी नियम का पालन नहीं हो रहा है।
क्या कहते है अधिकारी।
इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीएम नीत निखिल सुरीन ने कहा कि शराब दुकानदार को रेट का बोर्ड लगाने को निर्देशित किया गया है। यदि शराब की अधिक दर वसूली जा रही है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।