नई दिल्ली. पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के खिलाफ बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इलेक्ट्रिक स्कूटर पर बैठकर कोलकाता में कालीघाट से राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ पहुंचीं. स्कूटर चलाने के दौरान वह गिरने से बाल-बाल बचीं, जिसके तुरंत बाद उन्होंने साथ चल लोगों की मदद से अपना संतुलन बनाया और फिर स्कूटर चलाना जारी रखा.
बाद में स्कूटर राज्य सरकार में मंत्री एवं कोलकाता के महापौर फरहाद हकीम चलाने लगे. स्कूटर पर सवार ममता बनर्जी ने गले में तख्ती टांग रखी थी. जिस पर ईंधन के दाम में वृद्धि के खिलाफ नारे लिखे थे, उन्होंने हेलमेट पहन रखा था और हाजरा मोड़ से राज्य सचिवालय के बीच सात किलोमीटर का सफर स्कूटर पर तय करते हुए सड़क के दोनों ओर लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
करीब 45 मिनट के सफर के बाद ‘नबान्न’ पहुंची ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘हम ईंधन की कीमतों में वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. मोदी सरकार केवल झूठे वादे करती है. उन्होंने (केंद्र) ईंधन की कीमत को कम करने के लिए कुछ नहीं किया. आप मोदी सरकार के सत्ता में आने और अब के पेट्रोल की कीमतों में अंतर को देख सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस शुक्रवार से ईंधन के दामों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करेगी.
#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee nearly falls while driving an electric scooter in Howrah, as a mark of protest against fuel price hike. She quickly regained her balance with support and continued to drive.
She is travelling to Kalighat from State Secretariat in Nabanna pic.twitter.com/CnAsQYNhTP
— ANI (@ANI) February 25, 2021
बनर्जी ने कहा, ‘सत्ता में आने से पहले भाजपा ने लोगों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने का वादा किया था और अब वह ईंधन के दाम बढ़ा रही है.’ उन्होंने कहा, ‘मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और शाह (केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह) देश को बेच रहे हैं. वे मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक उपक्रमों को बेच रहे हैं. यह जनविरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी एवं किसान विरोधी सरकार है.’
अपने अनोखे विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस तरह से पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमत बढ़ रही हैं उसका विरोध करने के लिए मैंने ई-स्कूटर की सवारी की.’ उन्होंने कहा, ‘मध्यम वर्ग परिवार को महीने में दो एलपीजी सिलेंडर चाहिए, लेकिन अब वह इन्हें खरीद नहीं पा रहा. हमारे राज्य में एक करोड़ लोग किरोसन तेल पर निर्भर हैं जो अब उन्हें नहीं मिल रहा.’ (इनपुट भाषा से भी)