कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स को प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PF Account) में करेक्शन के लिए कई कदम उठाए हैं. EPFO ने पीएफ खाताधाकरों को नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि में करेक्शन की सुविधा दी है. लेकिन अब उसने पीएफ अकाउंट्स की सिक्योरिटी को और सख्त कर दिया है. अब पीएफ खाताधाकर अकाउंट में अपने नाम और प्रोफाइल में बदलाव नहीं कर सकते हैं. EPFO के मुताबिक, पीएफ अकाउंट्स के प्रोफाइल में ऑनलाइन करेक्शन की वजह से रिकॉर्ड में मिसमैच की गुंजाइश रहती है और इससे फ्रॉड की आशंका बढ़ जाती है.
पीएफ अकाउंट्स को लेकर केवाईसी (KYC) के नाम पर फ्रॉड कर पैसे निकालने के कई मामले सामने आए हैं.
इससे निपटने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नियमों को सख्त करने का फैसला किया है और इसके लिए गाइडलाइंस जारी की है. नए दिशानिर्देशों को पेश करने की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि ईपीएफओ ने पीएफ खातों से धोखाधड़ी के निकासी के कुछ मामलों का अवलोकन किया. ईपीएफओ के अनुसार, सदस्य के प्रोफाइल में सुधारों को नाम, पिता / पति के नाम, जन्मतिथि और लिंग में त्रुटियों को सुधारने की अनुमति दी गई है.
नाम में छोटे बदलाव की अनुमति
नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब बिना कागजी डॉक्यूमेंट के पीएफ अकाउंट में अंशधारकों का ब्योरा नहीं बदलेगा. हालांकि, नाम में छोटे बदलाव की अनुमति है. लेकिन किसी भी बड़े बदलाव से पहले अब EPFO प्रमाण पत्रों की जांच करेगा. उसके बाद ही प्रोपाइल में किसी तरह का बदलाव हो सकेगा. ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में कहा है कि क्षेत्रीय कार्यालय किसी कागजी प्रूफ के बिना किसी भी सब्सक्राइब्रस के रिकॉर्ड में सुधार नहीं करें.
प्रूफ सबमिट करने के बाद बदलेंगे नाम
पीएफ खाते में नाम, जन्मदिन, नॉमिनी, पता, पिता या पति के नाम में बड़े बदलाव नियोक्ता और अंशधारकों के कागजी प्रूफ को देखने के बाद ही होंगे. KYC में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में बदलाव को तभी जायज माना जाएगा, जब अंशधारक के दस्तावेज अपलोड होंगे. अगर कोई संस्था बंद हो चुकी है तो डॉक्यूमेंट्स के साथ सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर और PF स्लिप दिखाना होगा.