इलाज के लिए अस्पताल लाई गई आदिवासी महिला की मौत पर माले ने जताया आक्रोश

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कहा, गरीबों की जान से खिलवाड़ बंद हो। सदर अस्पताल को पर्याप्त सुविधाओंं से युक्त किया जाए

गिरिडीह

सदर अस्पताल गिरिडीह में पर्याप्त सुविधाओं की कमी तथा बदइंतजामी के कारण आए दिन मरीजों की मौत हो रही है और इसमें खासकर वैसे गरीब वर्ग के लोग शिकार हो रहे हैं जो अर्थाभाव के कारण सरकारी अस्पताल पर निर्भर रहने को बाध्य हैं।

मंगलवार की रात ऐसे ही एक मामले में सदर प्रखंड के पुरनी पेटरिया गांव की एक आदिवासी महिला मखोनी टुडू की मौत सदर अस्पताल में इसलिए हो गई कि उसे गंभीर अवस्था के बावजूद समय पर वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। इसके बजाय उसे धनबाद रेफर कर दिया गया।

मरीज को धनबाद ले जाने के लिए एंबुलेंस को खबर करने के साथ परिजनों द्वारा इसकी सूचना माले नेता राजेश यादव को भी दी गई। सूचना मिलते ही उनके द्वारा तुरंत अस्पताल पहुंचकर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से संपर्क किया गया। डॉक्टर ने पुनः मरीज की स्थिति की जांच की लेकिन तबतक वह मर चुकी थी। कहा गया कि मरीज के लिए तत्काल ही वेंटीलेटर की जरूरत थी लेकिन यहां इसकी सुविधा कारगर नहीं होने के कारण ही उसे धनबाद रेफर किया गया था।

माले नेता ने मृतका के परिजनों से पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने महिला की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि सदर अस्पताल की इस तरह की अपपर्याप्त तथा बदइंतजामी से यह साफ है कि गरीबों की जान की कीमत मौजूदा व्यवस्था में बिल्कुल भी नहीं है। सरकार बदलने के बावजूद चिकित्सा व्यवस्था जैसी बुनियादी सरकारी सुविधाओं तक में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा।

उन्होंने सरकार से मांग की, कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करते हुए उसे पर्याप्त सुविधा संपन्न किया जाए ताकि गरीबों को इस तरह से असमय मौत के मुंह में जाने से रोका जा सके।

मौके पर मृतका के परिजन तथा ग्रामवासी शिवलाल टुडू, लखिया टुडू, रूपन टुडू, चुनकु टुडू, करमा टुडू, मुर्मू, मंझली देवी, अनीता सोरेन एवं अन्य मौजूद थे।

गिरिडीह से चन्दन पाण्डेय की रिपोर्ट