राजनगर
संथाली भाषा ओलचिकी लिपि के संस्थापक स्व. पंडित रघुनाथ मुर्मू के घनिष्ठ मित्र सह बान्दू पंचायत के पूर्व मुखिया चैतन हांसदा के देहांत पर आदिवासी समाज में शोक का माहौल व्याप्त है। बता दें कि चैतन हांसदा 72 वर्ष के थे और 1 नवंबर रविवार की रात उनका देहांत हो गया। उन्होंने आदिवासी सामाजिक शिक्षण एवं सांस्कृतिक संघ राजनगर शाखा की स्थापना 1982 में की थी।
इस संगठन में वे महामंत्री पद पर पदस्थापित थे। वे संथाली भाषा ओल चिकिलिपी के संस्थापक स्व. पंडित रघुनाथ मुर्मू के घनिष्ठ मित्र थे। पंडित रघुनाथ मुर्मू के साथ उन्होंने ओलचिकी लिपि भाषा को पूरा दुनिया में प्रचार प्रसार किया था। उसके देहांत से राजनगर के आदिवासी समाज में शोक का माहौल व्याप्त है ।वहीं आदिवासी संताल समाज के गणमान्य व्यक्ति रमेश हांसदा, सीताराम हांसदा, जयपाल मुर्मू एवं धुनु टुडू ने उनके आवास पहुंचकर उनके परिवार के बीच ढांढस बांधा।
सरायकेला/राजनगर से रवि कांत गोप की रिपोर्ट