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आदिवासी दिवस पर संदीप मुरारका की लिखी पुस्तक “शिखर को छूते ट्राइबल्स” का विमोचन करेंगी राज्यपाल  

संदीप मुरारका लेखक

“शिखर को छूते ट्राइबल्स” एक ऐसी कृति है जिसमें कूल 26 महान हस्तियों की जीवनियाँ हैं. जिनको लेखक,समाजसेवी और जमशेदपुर के चर्चित व्यवसायी संदीप मुरारका ने दो भागों में संपादन कर विभक्त किया है. शीर्षक जिन्होंने इतिहास रच दिया के अन्तर्गत 18 वैसे आदिवासी हस्तियों की जीवनियाँ हैं,जिनको पद्म पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. शीर्षक जिनके बिना इतिहास अधूरा है के अन्तर्गत 8 आदिवासी महापुरुषों की संक्षिप्त जीवनी है.
पुस्तक के तीसरे व अन्तिम हिस्से में 5400 शब्दों का एक शोधपरक आलेख है,जिसमें संदीप ने यह बताने का प्रयास किया है कि आज किसी भी क्षेत्र
में आदिवासी पीछे नहीं हैं.
लेखक का विचार है कि जिन लोगों को यह लगता है कि आदिवासी समुदाय आरक्षण के कारण लाभान्वित है. उनको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए ताकि वे जान सकें की पुस्तक में सम्मिलित किसी भी हस्ती को आरक्षण के कारण नहीं बल्कि उनकी योग्यता , विशिष्टता व महानता के कारण पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए.
कुल 148 पृष्ठ की यह Non fiction पुस्तक स्कूली पाठ्यक्रम, शोधार्थियों , यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं एवं सामयिक पत्रकारिता के लिए काफी लाभदायक होगी.पुस्तक में प्रेरक व अनकही सत्य कहानियाँ हैं,जो तस्वीरों के साथ साथ काफी रोचक तरीके से प्रस्तुत की गई हैं.

पुस्तक ” शिखर को छूते ट्राइबल्स “ को मुम्बई के स्टोरी मिरर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है.पुस्तक का संपादन मुम्बई की दिव्या मिरचन्दानी एवं सह संपादन अमिता केडिया ने किया है.प्रस्तावना आदिवासी फिल्मकार सह पत्रकार विनय पूर्ति ने लिखी है.वहीं पुस्तक का आरम्भ श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, महामहिम राज्यपाल, झारखण्ड एवं श्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय मन्त्री, जनजातीय मंत्रालय के शुभकामना संदेश से हुआ है.

लेखक ने पुस्तक को लद्दाख में शहीद हुए सैनिक स्व गणेश हांसदा, नुदुराम सोरेन एवं राजेश ओरांग को समर्पित किया है.
इस पुस्तक का ऑनलाइन विमोचन विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2020 को प्रातः 11 बजे राज्यपाल द्रौपदी मूर्मु द्वारा होना है.

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