सिंहभूम चैम्बर ने जमशेदपुर को महानगरों की तर्ज पर एक विकसित शहर के रूप में पहचान दिलाने के लिये देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ई.मेल. के माध्यम से विभिन्न मांगों से अवगत कराते हुये उनका ध्यानाकृष्ट कराया है। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने बताया कि जमशेदपुर शहर को बसे हुये 100 वर्ष से उपर हो चुके हैं और यह एक लघु भारत की पहचान रखता है। जहां सभी धर्मों, संप्रदाय एवं जातियों के शिक्षित एवं संभा्रत लोग रहते हैं। लेकिन इतने वर्षों के बाद भी एक विकसित महानगर के रूप में इसका विकास नहीं हो पाया है। इसके पीछे कुछ आधारभूत कमियां हैं जो इसे दूसरे महानगरों से पीछे रखती है जैसे एयरपोर्ट का न होना, छात्र-छात्राओं के लिये उच्च शिक्षा की कमी, लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिये अस्पताल की कमी, सार्वजनिक एवं सरकारी कंपनियों की स्थापना का नहीं होना इत्यादि कुछ कारण है। वहीं राजस्थानी लोग यहां वर्षों से निवास कर रहे हैं लेकिन अभी तक टाटा से जयपुर तक सीधी टेªन व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसलिये माननीय प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से इन कमियों को पूरा करने आग्रह किया गया है जिसके नहीं होने से लोगों को होने वाली परेशानियों से उन्हेें अवगत कराया गया है जो निम्नलिखित है –
*1) जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना*
जमशेदपुर को स्थापित हुये 100 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। जिसे देश के प्रतिष्ठित शहर स्टील सिटी के नाम से भी जाना जाता है और झारखण्ड राज्य की आर्थिक राजधानी के साथ औद्योगिक नगरी भी कहलाती है। लेकिन फिर भी आज इसका समग्र विकास नहीं हो पाया है। इसके लिये अत्यंत आवश्यक है जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना।
यहां लगभग तेरह सौ से अधिक बड़े, मध्यम एवं लघु उद्योग स्थापित है। लेकिन अबतक हवाई अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यहाँ आने जाने वाले आम जनता को हवाई यात्रा करने हेतु दूसरे शहर रांची या कोलकाता जाकर हवाई जहाज पकड़नी पड़ती है जो कि उनके लिये काफी परेशानी और समय की बर्बादी वाली होने वाली स्थिति होती है। एयरपोर्ट की अनुपलब्धता के कारण जमशेदपुर का विकास लगभग ठहर सा गया है। एयरपोर्ट के नहीं होने के कारण यहां नये निवेशक नहीं आने के कारण जमशेदपुर में नये व्यवसाय और उद्योगों की स्थापना नहीं हो पा रही है।
2) जमशेदपुर में उच्च शिक्षा की उपलब्धता*
जमशेदपुर में छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की शिक्षा सुविधा की उपलब्धता हेतु बड़े शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना अभी तक नहंी हो पाई है। जमशेदपुर की पहचान एक मिनी मेट्रो शहर के रूप में होती है। लेकिन यहां के लोगों के छात्र-छात्राओं के लिये उच्च शिक्षा सुविधा, स्नातक के बाद गुणवत्तापूर्ण पीजी की पढ़ाई, यहां तक कि राष्ट्रीय स्तरीय स्नातक की पढ़ाई हेतु जमशेदपुर से देश के दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। यहां उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के अभाव में छात्र-छात्रायें पलायन कर जाते हैं और इनमें अधिकांश छात्र लौटकर वापस जमशेदपुर नहीं आते और अच्छी नौकरी की चाह में देश के बड़े शहरोें में ही बस जाते हैं और इससे यहां के अनुभवी वर्कफोर्स का पलायन हो जाता है इससे जमशेदपुर के विकास नहीं हो पाने का एक बड़ा कारण यह भी है। जमशेदपुर या इसके आसपास बड़े कॉलेजों की कमी से उच्च शिक्षा में होने वालो लाखों का खर्च और राज्य का पैसा और राजस्व दूसरें राज्यों के विकास में मजबूत भूमिका निभा रहा है और जमशेदपुर को इससे कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है।
*3) जमशेदपुर में उच्च चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता*
वर्तमान परिपेक्ष्य में जिस तरह से लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं उस परिपेक्ष्य में जमशेदपुर या इसके आसपास उच्च चिकित्सा सुविधा हेतु अच्छे और मल्टी सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालों की नितांत आवश्यकता महससू की जा रही है। इसके अनुपलब्धता के कारण यहां के लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिये देश के दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। विभिन्न तरह की जटिल बीमारियों के ईलाज हेतु सुपर एवं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की उपलब्धता नहीं होने के कारण यहां के लोगों को जमशेदपुर के बाहर दूसरे राज्यों मसलन बंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों मेें जाना पड़ता है। जिससे लोगों को आवागमन मंे खर्च भी बढ़ जाता है और राज्य का राजस्व भी बाहर जाता है।
*4) जमशेदपुर में बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों का निवेश और भारत सरकार के अधीन कार्यरत बड़े कारखानों की स्थापना*
किसी भी शहर या राज्य के विकास में सबसे महत्वपूर्ण वहां बड़े उद्योगों की स्थापना अति आवश्यक है। यहां पर लघु, मध्यम औद्योगिक ईकाईयों की संख्या हजारों में है जिनमें अधिकांशतः यहां पर स्थित मुख्य दो ही कंपनियों पर निर्भर है। जिस कारण यहां औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है। हमारा मानना है कि इसके अलावा यहां अन्य बड़े उद्योगों की स्थापना, चारपहिया, दोपहिया, तीनपहिया वाहनों के प्रतिष्ठानों एवं सरकारी उपक्रमों जैसे रेलवे के कलपुर्जों के निर्माण से संबंधित उद्योगों की स्थापना से यहां औद्योगिक विकास तेजी से आगे बढ़ेगा इसके लिये यहां का माहौल भी अनुकूल है। उक्त उद्योगों की स्थापना से केन्द्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में भी वृद्वि होगी जो देश को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और विकसित भारत के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगी।
*5) टाटानगर से जयपुर तक सीधी रेल सेवा की उपलब्धता*
टाटानगर एवं आस-पास के क्षेत्रों में राजस्थानी लोगों की संख्या काफी अधिक है जो कि अक्सर राजस्थान की यात्रा करते हैं। राजस्थान धार्मिक, पर्यटन एवं शिक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण हो गया है और राजस्थानी लोगों के अलावा अन्य धर्म एवं जाति के लोग भी जयपुर, जोधपुर, अजमेरशरीफ, खाटूश्याम, सालासर, झूंझनू, कोटा की यात्रा पर जाते हैं। वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान का कोटा शहर एक मशहूर स्थान हो गया जहां शिक्षा ग्रहण करने के लिये यहां के युवा काफी संख्या में जाने लगे हैं। लेकिन टाटानगर से राजस्थान तक सीधी रेल सेवा के अभाव में यहां के लोगों को यात्रा कर वहां तक जाने में काफी परेशानी हो रही है। इसलिये यहां के राजस्थानी लोगों के साथ ही धार्मिक यात्रा पर राजस्थान जाने वाले लोगों की टाटा से राजस्थान तक सीधी रेल सेवा की मांग काफी वर्षों से करते रहे हैं लेकिन यह मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।
चैम्बर के सभी पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपु एवं कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी माननीय प्रधानमंत्री से आग्रह किया है उपरोक्त मांगो को पूरा कर जमशेदपुर को विकसित महानगर बनाने की ओर उचित कदम उठाये जाने की कृपा करें।