Thu. Apr 18th, 2024

सभी धर्मो का आस्था का प्रतीक नगर मंदिर में 16 दिनों का दशहरा पूजा शुरू ।

सभी धर्मो का आस्था का प्रतीक नगर मंदिर में 16 दिनों का दशहरा पूजा शुरू ।

 

महिष बली व बकरा बलि की है परंपरा।

चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

हिन्दू मुस्लिम सिख आदिवासी सभी रखते है मां नगर भगवती पे आस्था।

 

सभी धर्मो का योगदान होता है

 

चंदवा: झारखंड का प्रसिद्ध मां उग्रतारा नगर मंदिर में 16 दिनों का दशहरा पर्व शुरू हो गया है । दशहरा पर्व को लेकर नगर मंदिर के पुजारियों के द्वारा पूरे विधि विधान से मां उग्रतारा का पूजन व स्तुति किया जा रहा है। यहां पर्व के दौरान झारखंड के अलावे दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु गन पहुंच कर माता की पूजा अर्चना करते हैं। यहां श्रद्धालुओं में मान्यता व पूर्ण विश्वास है कि अगर उनके द्वारा चढ़ाया गया फूल गिर जाए तो उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस वर्ष नगर मंदिर में आयोजित दशहरा त्यौहार इस तरह से मनाई जा रही है । अश्विन कृष्ण पक्ष नवमी सोमवार से प्रथम कलश स्थापना के साथ माता की पूजा प्रारंभ हो गई है। अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या दिनांक 25/09/22 को शाम में मां गौरा के आगमन के बाद गणेश, सूर्य ,नवपत्रिका अपराजिता , भट्टा रिका भैरव एवं उग्रतारा कलश की स्थापना होगी । अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा सोमवार की दिनांक 26/09/ 22 को सुबह आरती के बाद मंडप स्थित कलश पूजन तत्पश्चात आम श्रद्धालुओं की पूजा ।अश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी शनिवार दिनांक 1/10 /2022 को अपराहन 2:30 बजे विल्वा भिमंतरण लिए प्रस्थान एवं शाम को कलश पूजन। अश्विन शुक्ल सप्तमी दिनांक रविवार 2/10/ 22 को सुबह आरती के बाद गौरा विसर्जन तत्पश्चात देवी को लाने हेतु दामोदर गांव प्रस्थान अपराहन 3:00 बजे से देवी स्नान एवं शाम को गणेश ब्रह्मा का कलश स्थापना एवं कलश व देवी पूजन रात्रि में पूजन के पश्चात आम यात्रियों के बकरों की बलि ।अश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी सोमवार दिनांक 3/10/ 22 को सुबह आरती के बाद आम श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी एवं अपराहन 3:59 बजे संधी पूजा एवं महेश बली रात्रि में महा अष्टमी पूजा पश्चात आम यात्रियों के बकरों की बलि ।अश्विन शुक्ल पक्ष नवमी दिनांक 4/10/ 22 मंगलवार को सुबह आरती के बाद श्रद्धालुओं की पूजा एवं दिन में 11:00 बजे महिष बली इस दिन श्रद्धालुओं के बकरों की बलि बंद रहेगी। आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी बुधवार दिनांक 5/ 10/ 22 को सुबह आरती के बाद भगवती का श्रृंगार एवं पान चढ़ेगा उस दौरान यात्रियों का पूजा बंद रहेगा पान गिरने के पश्चात दुर्गा पूजा विसर्जन नीलकंठ, दर्शन महिष बली उसके बाद यात्रियों का प्रसाद चढ़ेगा व यात्रियों के बकरों की बलि होगी

Related Post