उज्जैन:एसटीएफ की टीम ने उज्जैन से एक फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया है। लग्जरी गाड़ियों और फोन नंबर के जरिए वह लोगों को यकीन दिलाता था कि आईपीएस अधिकारी है। अपना नाम वह लोगों को आईपीएस विपिन कुमार महेश्वरी बताता था। बल्कि उसका असली नाम ज्योतिर्मय विजयवर्गीय है। वह मूल रूप से देवास जिले का रहने वाला है। एमपी के अलावा इसके खिलाफ महाराष्ट्र में भी मामला दर्ज है। गिरफ्तार आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है।
* फर्जी IPS गिरफ्तार, सैकड़ों बैंक अकाउंट से करता था धोखाधड़ी
* टोल नाके पर नौकरी का झांसा
एसटीएफ के एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि यह अंबलाहा टोल टैक्स पर रुका था और खुद को आईपीएस बताया था। साथ ही ज्योतिर्मय विजयवर्गीय ने उस टोल टैक्स पर 3-4 लोगों को भर्ती करवाने के लिए कहा था। इसने एसटीएफ चीफ के नाम से एक नंबर सेव कर रहा था और किसी उन्हीं के नाम से फोन किया था। ट्रू कॉलर पर जब किसी प्रभावी नंबर व्यक्ति का नंबर दिखता था, तब लोग यकीन कर लेते थे कि शायद उन्हीं का फोन है।
* घर से मिले 100 चेक बुक
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद फर्जी आईपीएस अधिकारी के घर पर छापेमारी की तो उसके घर से पुलिस ने 100 चेक बुक बरामद किया है। चेक बुक के खाते ज्योतिर्मय विजयवर्गीय, उसकी पत्नी, घर में काम करने वाले नौकर और अन्यू दूसरे लोगों के नाम पर भी हैं। उनमें कई चेक ऐसे हैं, जो लाखों रुपये के काटे गए हैं। साथ ही उन पर साइन भी किया हुआ है।
* इंदौर में रहता है फर्जी आईपीएस
फर्जी आईपीएस ज्योतिर्मय विजयवर्गीय इंदौर के शालीग्राम टाउनशिप में रहता है। एसटीएफ एसपी गीतेश गर्ग ने यह बताया कि यह मूल रूप से देवास का रहने वाला है। इसके पास से कुछ मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किया गया है। जिनका उपयोग यह विभिन्न नामों से लोगों को फोन करने के लिए करता था। एसपी ने कहा कि पूरी तरह से यह फ्रॉड आदमी है। इंदौर में पहले से भी इसके ऊपर मामला दर्ज है।
* फॉर्च्यूनर के भी नहीं दिए हैं पैसे
एसटीएफ एसपी ने बताया कि फर्जी आईपीएस के पास एक फॉर्च्यूनर गाड़ी जब्त की गई है। इसे भी उसने एक व्यक्ति से सेकंड हैंड खरीदा है। लेकिन इसके भी पैसे नहीं दिए हैं। उसने गाड़ी के बदले उस व्यक्ति को कई चेक दिए हैं, लेकिन वह बाउंस कर गया है। इसके पास से कोई आई कार्ड अभी नहीं मिला है।
* टोल नाकों पर बताया था आईपीएस
दरअसल, फर्जी आईपीएस की गिरफ्तारी तब हुई है, जब वह इंदौर से भोपाल आ रहा था। इस दौरान वह सभी टोल नाकों पर खुद को आईपीएस बता रहा था। छापेमारी के दौरान पता चला है कि आरोपी ने अपने घर के नौकर तक के नाम खाता खुलवा रखा था। साथ ही लोगों को यह भी बताता था कि उसके कई बड़े लोगों से उसके संपर्क हैं।