सुदीक्षा भाटी मौत मामला : पुलिस ने 10 हजार बुलेट बाइक खंगालीं तब जाकर मिला सुराग,

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नोएडा मेरठ:अमेरिका में पढ़ने वाली ग्रेटर नोएडा की छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत के मामले में बुलदंशहर पुलिस को आखिरकार पांच दिन बाद सफलता हासिल हुई। शुक्रवार रात को जिन दो युवकों को गिरफ्तार किया गया उनकी तलाश में पुलिस ने 10 हजार से अधिक बुलेट बाइक को खंगाला था। पुलिस की कई टीमें इस पर काम कर रही थीं। एसआईटी प्रभारी सीओ सिटी दीक्षा सिंह ने बताया कि हमने एआरटीओ ऑफिस से बुलंदशहर जिले में रजिस्टर्ड बुलेट मोटरसाइकिलों का डेटा मांगा था। एआरटीओ ऑफिस से ऐसी 10 हजार मोटरसाइकिलों की सूची प्राप्त हो गई है। क्षेत्रवार बाइकों की डिटेल अलग-अलग करने के बाद अब हमें सुराग मिला है। एसआईटी प्रभारी ने कहा कि पुलिस ने विशेष फोकस बुलंदशहर से स्याना के बीच पड़ने वाले गांवों की बुलेट मोटरसाइकिलों पर रखा। सीओ दीक्षा सिंह ने कहा कि काम मुश्किल था, लेकिन आरोपियों तक पहुंचने के लिए हम मेहनत से जुटे हुए थे, इसलिए हमें इसमें सफलता मिली।

* अमेरिका में पढ़ने वाली छात्रा सुदीक्षा की मौत के दो आरोपी गिरफ्तार
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी और जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी शुक्रवार को गांव में सुदीक्षा के परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचे। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी न्याय की इस लड़ाई में हमेशा उनके साथ खड़ी है।

* संतोष कुमार सिंह, एसएसपी का कहना है कि छात्रा सुदीक्षा की मौत के मामले की गहनता से जांच की गई। आरोपियों की तलाश में पुलिस की पांच टीमें लगी थीं। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

* दीक्षा सिंह, प्रभारी एसआईटी/सीओ सिटी ने बताया कि इस मामले में आरोपीयों को गिरफ्तार करने के लिए 10 हजार बुलेट बाइक और उस पर सवार युवकों की लगातार तलाश की गई। दोनों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली”

* गांव की महिलाओं ने उठाई इंसाफ की आवाज

डेरी स्केनर गांव में सुदीक्षा भाटी को न्याय दिलाने के लिए महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला। राष्ट्रीय वीर गुर्जर सेना की समस्त टीम ने कैंडल मार्च में भाग लिया। संगठन की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता भाटी ने बताया कि गांव की महिलाओं मार्च में शामिल हुईं। सभी ने सुदीक्षा को न्याय दिलाने की मांग की। सभी ने कहा कि जब तक सुदीक्षा को न्याय नहीं मिल जाता उनका विरोध जारी रहेगा। एक होनहार छात्रा और गांव की बेटी चली गई। यह सबके लिए दुखद है। उसकी इच्छाशक्ति का कोई सानी नहीं था। सुदीक्षा ने लगन और मेहनत से की गई अपनी पढ़ाई से गांव और पूरे जिले का नाम रोशन किया था।

लगन से तय किया था अमेरिका का सफर, पिता चलाते हैं चाय की दुकान

*अमेरिका में पढ़ाई संग पार्ट टाइम जॉब कर परिवार की मदद करती थी सुदीक्षा