रांची। कमांडेंट पवन कुमार के निर्देशन में आरपीएफ रांची ने मानवीय संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया। एसआईबी टीम रांची से प्राप्त गुप्त सूचना के बाद आरपीएफ पोस्ट रांची, नन्हे फरिश्ते एवं एसआईबी रांची की संयुक्त टीम ने रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01A पर विशेष निगरानी रखी।इसी दौरान लोहरदगा–रांची मेमू पैसेंजर (ट्रेन संख्या 68040) के आगमन पर एक संदिग्ध व्यक्ति तीन नाबालिग लड़कों के साथ पाया गया, जो भयभीत दिखाई दे रहे थे। टीम ने संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ की, किंतु वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। स्थिति संदिग्ध पाई जाने पर सभी को आरपीएफ पोस्ट रांची लाया गया।पूछताछ में तीनों नाबालिगों ने अपने नाम दिनेश असुर, झपटू असुर और अनुप असुर बताए। तीनों बच्चे जिला गुमला के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि आयुष असुर नामक व्यक्ति उन्हें काम दिलाने के बहाने लोहरदगा से रांची लेकर आया था और आरोपी जगतपाल उरांव को सौंप दिया था, जो उन्हें आगे अगरतला ले जाने वाला था।आरपीएफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी जगतपाल उरांव (आयु 33 वर्ष, निवासी गुमला) को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसे तीनों बच्चों को रांची तक लाने के लिए ₹5000 दिए गए थे और वह पहले भी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल रह चुका है। आरोपी के पास से बरामद सामान को जब्त करते हुए विधिवत गिरफ्तारी की गई।आरपीएफ ने तीनों नाबालिगों को तत्काल सुरक्षा और देखभाल प्रदान की। बाद में गिरफ्तार तस्कर एवं बचाए गए बच्चों को आगे की कार्रवाई के लिए 13 अक्टूबर 2025 को एएचएटीयू, रांची को सुपुर्द कर दिया गया। इस त्वरित और समन्वित अभियान से तीन नाबालिगों की मानव तस्करी की गंभीर घटना को समय रहते रोक लिया गया।अभियान में आरपीएफ पोस्ट रांची के एसआई सूरज पांडे, एसआई अश्विनी कुमार, कांस्टेबल संजय यादव और कांस्टेबल प्रदीप कुमार शामिल थे। एसआईबी टीम की ओर से इंस्पेक्टर एस.एन. प्रसाद और रंजीत कुमार ने भाग लिया, जबकि नन्हे फरिश्ते टीम से एसआई सुनीता तिर्की, लेडी स्टाफ सुचिता और देवमणि ने सक्रिय योगदान दिया।

