दुमका के मसलिया में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के तत्वावधान में अहीर रेजिमेंट, जातिगत जनगणना व समाज में राजनैतिक जागरूकता के उद्देश्य से अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा रेजांगला युद्ध 1962 में शहीद 114 सैनिकों की समाधि अहीर धाम लद्दाख की पवित्र माटी की कलशयात्रा शनिवार को महासभा के जिलाध्यक्ष शिवनारायण दर्बे और संताल परगना प्रभारी डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव के नेतृत्व में जामा के बाद मसलिया प्रखंड के कुसुमघाटा गाँव पहुची जहां समाजसेवी भीम प्रसाद यादव के अध्यक्षता में कलश यात्रा के रथ का स्वागत किया गया। इसमें काफी संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासभा के संरक्षक दिवाकर महतो ने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांगला की लड़ाई में भारतीय सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की एक कंपनी, जिसमें ज्यादातर अहीर सैनिक थे, ने अद्भुत साहस और पराक्रम का प्रदर्शन किया था। इस लड़ाई में 120 भारतीय सैनिकों ने 5,000 से अधिक चीनी सैनिकों का सामना किया और कई चीनी सैनिकों को मार गिराया था और 114 अहीर सैनिक इस लड़ाई में शहीद हो गए, और उनकी वीरता को आज भी याद किया जाता है। कार्यक्रम में कलश यात्रा टीम के किरण यादव, अभिषेक यादव, बिहारी यादव, बृजकिशोर यादव, कृष्ण यादव, विश्वजीत यादव, लालमोहन यादव, कृष्ण दुलाल यादव, विवेकानंद यादव, गौर गोपाल यादव, भागवत यादव, ज्योति कुमारी, वंदना यादव, रंजीत यादव, मृत्युंजय यादव, रमेश राउत, गौर यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। मंच संचालन विनीत कुमार यादव ने किया।

