पोटका के शंकरदा गांव में षोड़षो प्रहर हरि नाम संकीर्तन के जागरण रात्रि के रूप में होना शुरू
अर्ध शताब्दी से चली आ रही ये पावन अनुष्ठान भक्त जनों के परम भक्ति एवं आस्था का परिचायक है। अपनी दैनिक मजदूरी के सहारे जीवन व्यतीत करने वाले ज्यादातर ग्रामीणों की सहर्ष अनुदान की साहस से साथ ही अनेकों भक्त जनों की स्वत:स्वेच्छ दान संग्रहित कर गांव के युवा पीढ़ी पूर्वजों के ये पावन परंपरा को जीवित रख कर सनातन संस्कृति एवं धर्म को सजग रखा है जो आज के इस विध्वंस मय परिस्थिति में – जंहा एक ओर बेरोजगारी, बीमारी, दरिद्रता, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, प्रदूषण प्रतिकूल परिवेश वंही दूसरी ओर आतंकवादी, धर्म वादी हमलों से देश दुनिया अस्थिर है ऐसे में मानवता को सबल सतेज एवं सुरक्षित रखने की एक मात्र उपाय है।
तभी तो कहते हैं –
“सकल व्याधिर एकई विधि
लिखे ने तार नाम।
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण
कृष्ण-कृष्ण-राम।।”
आगामी कल धुलोट एवं मोहंत विदाई भोग राग के माध्यम अनुष्ठान का समापन होगा। वही आयोजक मंडली के साथ पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल ने भी राधा-गोविंद के प्रात: पूजन करवाए तथा क्षेत्र परिवार एवं प्रियजनों का मंगल कामनाएं किए। पूर्व जिला परिषद सदस्य करुणामय मंडल के साथ
गणेश चंद्र भकत, किशोर कुमार भकत, चंडी चरण गोप, समीर कुमार गोप, विष्णु पद गोप, मंगल गोप,दिलीप गोप आदि उपस्थित रहे।

