सरायकेला।सरायकेला-खरसावां जिले ने बुधवार को अपने 24वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने जिलेवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि जिले के विकास के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने उन सभी उद्देश्यों को याद करने की आवश्यकता बताई, जिनके लिए यह जिला बनाया गया था।
हालांकि, जिले में कई विकास संबंधी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। जिले के मुख्यालय में रेलवे स्टेशन नहीं है, केवल रेलवे टिकट आरक्षण केंद्र ही मौजूद है। सरायकेला से कांड्रा तक केवल एक सिंगल रोड बनी है, जिससे अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं। ग्रामीण इलाकों में आज भी कच्ची सड़कों पर जीवन यापन करना पड़ता है। जिले का एकमात्र बड़ा अस्पताल सदर अस्पताल है जहां प्रतिदिन 250 से 300 मरीज आते हैं, लेकिन संसाधनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण उचित इलाज नहीं हो पाता और मरीजों को दूसरे जिलों में रेफर करना पड़ता है।
कृषि क्षेत्र में भी सिंचाई की सुविधा न होने के कारण किसान केवल एक बार फसल उगा पाते हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए कैनाल भी सिंचाई के अभाव में बेकार पड़े हैं। जिले में खेती योग्य क्षेत्र लगभग 79,803 हेक्टेयर है, लेकिन सिंचाई की कमी के कारण किसान पलायन करने को मजबूर हैं। नगर पंचायत द्वारा दो करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैंड बनाया गया है, लेकिन वहां तक चौड़ी सड़क न होने के कारण यह बस स्टैंड उपयोगी नहीं है। बिजली व्यवस्था भी खराब है, हल्की बारिश या हवा आने पर घंटों बिजली गुल रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर बांस के सहारे बिजली व्यवस्था चल रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी कई विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापक के सहारे संचालित हो रहे हैं।
औद्योगिक क्षेत्र में जिले में दो हजार से अधिक उद्योग और व्यावसायिक इकाइयां हैं, जिनमें से अधिकांश ऑटोमोबाइल सेक्टर पर आधारित हैं। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी कंपनियां भी कार्यरत हैं, लेकिन जिले का एक बड़ा हिस्सा अभी भी विकास की बाट जोह रहा है। इसके अलावा, सरायकेला-खरसावां मार्ग पर खापरसाई में संजय नदी पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए पुल का एप्रोच रोड न होने के कारण वह पुल भी बेकार पड़ा है।
इस प्रकार, स्थापना दिवस के अवसर पर प्रशासन ने विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई, लेकिन जिले में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अधूरी परियोजनाएं विकास की राह में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।