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Wed. Dec 4th, 2024

समाज में समानता का सशक्त संदेश देने हेतु नृत्य-नाटिका ‘चंडालिका‘ का मंचन 

समाज में समानता का सशक्त संदेश देने हेतु नृत्य-नाटिका ‘चंडालिका‘ का मंचन 

रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर ईस्ट का लिटिल फ्लावर स्कूल में कार्यक्रम आयोजित

जमशेदपुर। रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर ईस्ट ने शतदल लेडीज क्लब के सहयोग से रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित नृत्य-नाटिका ‘चंडालिका‘ का प्रभावशाली मंचन लिटिल फ्लावर स्कूल ऑडिटोरियम, टेल्को में किया। इस आयोजन का उद्देश्य समाज में व्याप्त अस्पृश्यता की समस्या को उजागर करना और इसके नैतिक व सामाजिक पहलुओं पर चर्चा करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टाटा स्टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा मोटर्स अस्पताल के प्रमुख डॉ. संजय कुमार उपस्थित रहे। उनके साथ डॉ. पूर्णिमा रॉय, डॉ. दीप्रिया अमिताभ, और स्कूल की सिस्टर फ्लोरेंस भी मौजूद थीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें रोटरी क्लब के अध्यक्ष शुभ्रजीत बसु, संयुक्त सचिव नंदी बसु और सेवा परियोजनाओं की निदेशक जयंती दत्त ने हिस्सा लिया। अध्यक्ष शुभ्रजीत बसु ने अपने स्वागत भाषण में क्लब की चार दशक पुरानी सेवा परंपरा को रेखांकित किया और अस्पृश्यता जैसे मुद्दों पर चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ बारीडीह के सिद्धेश्वर डेफ एंड डम्ब स्कूल के छात्रों द्वारा प्रस्तुत मधुर कवि वंदना से हुई। यह प्रस्तुति रोटेरियन प्रेमा गोगना के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। ‘चंडालिका‘ की मार्मिक प्रस्तुति अदिति किरणेकर के निर्देशन में हुई, जिसे एक प्रतिभाशाली नृत्य मंडली ने जीवंत बना दिया। दर्शकों ने इस प्रभावशाली प्रदर्शन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। शतदल लेडीज क्लब की अध्यक्ष इंदिरा गुप्ता और मौसमी बनर्जी के योगदान को विशेष रूप से सराहा गया। कार्यक्रम का समापन रोटेरियन जयंती दत्त द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर अध्यक्ष शुभ्रजीत बसु और उनकी टीम ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि सौरव रॉय ने अपने संबोधन में आयोजकों को इस प्रासंगिक विषय पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी और समाज में समानता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक होने का आह्वान किया और वंचित बच्चों के लिए “मस्ती का पाठशाला” पहल का उल्लेख किया। 500 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल बनाया और ‘चंडालिका‘ ने अपने नृत्य व नाटक की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से करुणा, समानता और सामूहिक प्रयास की भावना का संदेश दिया।

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