पटना:** प्रसिद्ध लोकगायिका **शारदा सिन्हा** का निधन 5 नवंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ। उन्होंने छठ महापर्व के पहले दिन रात करीब 9 बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद, आज 7 नवंबर को पटना के गुलबी घाट पर उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
अंतिम संस्कार की तैयारी
गुलबी घाट पर शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर सुबह 10:30 बजे अग्नि को समर्पित किया गया। उनके बेटे **अंशुमान सिन्हा** ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री **अश्विनी चौबे**, पूर्व सांसद **रामकृपाल यादव** और बड़ी संख्या में प्रशंसक और समर्थक उपस्थित थे।
अंतिम यात्रा में शामिल हुए प्रशंसक
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके घर से गुलबी घाट के लिए रवाना हुआ। उनके परिवार के सदस्यों ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया। अंतिम यात्रा में उनके प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने “शारदा सिन्हा अमर रहें” और “छठि मइया जय” के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री की घोषणा
बिहार के मुख्यमंत्री **नीतीश कुमार** ने शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने की घोषणा की थी। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
शारदा सिन्हा का निधन भारतीय लोक संगीत में एक अपूरणीय क्षति है, और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।