जमशेदपुर: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चल रही परिवर्तन यात्रा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस यात्रा का उद्देश्य राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के खिलाफ माहौल बनाना और जनता के सामने अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है। लेकिन हाल ही में एक अहम सवाल उठा है – भाजपा की इस यात्रा में झामुमो के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन की तस्वीर गायब क्यों है?
चंपई सोरेन झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं और झारखंड के आदिवासी समाज में उनकी गहरी पैठ है। ऐसे में उनकी तस्वीर का भाजपा की परिवर्तन यात्रा से नदारद होना, राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता दोनों के लिए अचरज का विषय बना हुआ है।
राजनीतिक रणनीति या भूल?
कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा का यह कदम सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। चंपई सोरेन को दरकिनार करने का मतलब है कि भाजपा झारखंड की आदिवासी राजनीति को अलग तरह से संबोधित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा का उद्देश्य आदिवासी मतदाताओं के बीच अपने प्रभाव को बढ़ाना है, और यह संभव है कि वे चंपई सोरेन के स्थान पर अन्य नेताओं को प्राथमिकता देना चाह रही हो।
वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि यह केवल एक साधारण भूल हो सकती है, क्योंकि परिवर्तन यात्रा के दौरान विभिन्न नेताओं और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता है।
झामुमो की प्रतिक्रिया
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि भाजपा की यह हरकत चंपई सोरेन और झामुमो की लोकप्रियता से घबराहट का परिणाम है। झामुमो ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने का प्रयास कर रही है और आदिवासी नेतृत्व को दरकिनार कर रही है।