Fri. Apr 19th, 2024

रकनी मंदिर प्रांगन मैं साहित्यकार सुनील कुमार दे द्वारा रचित पुस्तक कापड़ गादी घाटेर रंकीणी मां एवं वार्षिक बहुभाषी पत्रिका झारखंड प्रभा का विमोचन

 

 

महालया के शुभ मुहूर्त पर मां रंकिणी कापड़गादी घाट विकास समिति द्वारा आयोजित साहित्य व संस्कृति पर आधारित भव्य समारोह में साहित्यकार सुनिल कुमार दे द्वारा रचित (बंगला) कापड़गादी घाटेर “रंकिणी मां ” एवं बहुभाषी वार्षिक साहित्यिक पत्रिका ” झारखंड प्रभा” के १५वां अंक का विमोचन किया गया। आधुनिक काल में नव जागृति , नव चेतना को उजागर करने एवं मां के प्रति असिम भक्ति जगाने में कापड़गादी घाटेर “रंकिणी मां ” एक मिसाल की भूमिका अदा करेगी। सुनील बाबू की रचनाएं अपने युग को प्रभावित करते हुए आने वाले समय एवं परिवर्तन को भी प्रभावित किया। युग की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समय-समय पर युग प्रवर्तकों का उदय होता है उन्हीं में से एक हैं कवि सुनील कुमार दे। लेखक ने इस पुस्तक में जादूगोड़ा में रंकिणी मां की आविर्भाव ,महिमा के अलावे पुरे धालभूम अनुमंडल में जहां जहां मां की लीला जुड़ी है उन सब का वर्णन है साथ ही क्षेत्र में अवस्थित तमाम धार्मिक स्थलों , मन्दिर,मठ, आश्रम व दर्शनीय स्थलों का आंशिक वर्णन किया गया है।उनके द्वारा स्वरचित बंगला के 24 एवं हिन्दी के 8 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।
कार्यक्रम की शुरुआत माताओं बहनों के द्वारा मात्री वंदना से शुरू की गई तत्पश्चात माता के तस्वीर पर दीप प्रज्वलित कर कापड गादी विकास समिति के अध्यक्ष दिनेश सरदार द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों ने अपना अपना विचार रखा। घाटशिला कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉक्टर मित्रेश्वर , संथाली के साहित्यकार पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ,कल्याण मंत्री माननीय चंपई सोरेन पूर्व विधायक श्रीमती मेनका सरदार, वर्तमान विधायक श्री संजीव सरदार व कवि करुणामाई मंडल ने संयुक्त रुप से साहित्यकार सुनील कुमार दे के साहसिक पहल पर सराहना व्यक्त की एवं झारखंड प्रभा को वार्षिक के जगह तिमाही पत्रिका करने का सलाह दिया। सभा में पहुंचे झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री माननीय चंपाई सोरेन के हाथों झारखंड प्रभा का विमोचन किया गया।
समाज एवं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट भागीदारी को लेकर कवि सुनील कुमार दे को मां रंकिणी कापड़गादी घाट विकास समिति एवं ईशान चंद्र व डॉ रमेश चंद्र भकत स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया ‌।
द्वितीय सत्र में भक्ति संगीत के बाद कवि सम्मेलन संपन्न हुआ जिसमें क्षेत्र के कोई कवि एवं रचनाकार अपने-अपने स्वरचित कविता का पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन माता जी आश्रम के सचिव राजकुमार साव द्वारा किया गया। सभा में रघुनंदन बनर्जी, शंकर चंद्र गोप, जन्मेजय सरदार ,महादेव महाराज, सोमेश्वरानंद महाराज ,डा़ मित्रेस्वर ,सुबोध सिंह, मनोज कुमार भगत, करुणामई मंडल, आशुतोष मंडल ,जय हरि सिंह मुंडा उज्जवल कुमार मंडल, विकास कुमार भगत, कृष्णा मंडल, सपन मंडल, कृष्णा गोप, सुधांशु बनर्जी, पतित पावन दास, आदि उपस्थित थे।

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