संत जेवियर कॉलेज महुआडांड़ को मिला विश्व विद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता,फादर ने दी सभी को बधाई।
महुआडाड प्रखण्ड स्थित संत जेवियर्स महाविद्यालय, महुआडांड़ के प्राचार्य फादर डॉक्टर एम के जोश ने बताया कि महाविद्यालय को यूजीसी (विश्व विद्यालय अनुदान आयोग) से मान्यता मिल गई है। 5 मार्च 2022 को यूजीसी के पत्रांक संख्या FNo B-325/2021 (CPP-4C) में मान्यता को पुष्टि करते हुए एक पत्र नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को प्रेषित किया गया है। इसकी एक प्रतिलिपि महाविद्यालय के प्राचार्य को भी प्रेषित किया गया। मान्यता प्राप्त करने से संबंधित सभी दस्तावेजों को महाविद्यालय की तरफ से 6 दिसंबर 2021 ईस्वी को यूजीसी के अवर सचिव को भेजा गया था। यूजीसी के जांच समिति ने सभी दस्तावेजों का गहनता से जांच किया, जिसमें सभी दस्तावेज सही पाए गए साथ ही महाविद्यालय यूजीसी के सभी मापदंडों में खरा उतरा। इस तरह यूजीसी के द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 की धारा 2 (f) में संत जेवियर्स महाविद्यालय, महुआडांड़ को शामिल किया गया।ज्ञात हो कि संत जेवियर्स महाविद्यालय, झारखंड के लातेहार जिला के अति पिछड़े एवं जनजातीय बहुल क्षेत्र महुआडांड़ में एकमात्र डिग्री कॉलेज है। इस क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने और जनजातीय बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से हजारीबाग के जे जेसुईट सोसाइटी के द्वारा 2011 ईस्वी को कॉलेज का स्थापना किया गया था। उसके बाद से दिन प्रतिदिन यह कॉलेज सफलता की ओर अग्रसर है इस कॉलेज को 1 अप्रैल 2019 ईस्वी को NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवम प्रत्यायन परिषद) के द्वारा ‘बी ग्रेड’ प्रदान की गई है, भारत के उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा ग्रीन चैंपियन अवॉर्ड प्रदान किया गया साथ ही यूजीसी से मान्यता मिलना इसका नवीनतम उदाहरण है।
विश्वविद्यालय के परीक्षाओं के साथ ही अन्य प्रतियोगिताओं में भी कॉलेज का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है
यूजीसी से मान्यता मिलने पर कॉलेज के प्राचार्य फादर डॉ एम के जोश ने खुशी प्रकट करते हुए नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राम लखन सिंह, प्रति कुलपति डॉ. दीप नारायण यादव, रजिस्ट्रार डॉ. राकेश कुमार और विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया, साथ ही कॉलेज प्रबंधन, सभी शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारीयों एवम विद्यार्थियों को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं और बधाई दी।