बीफा रिपोर्टिंग के नाम पर डीलरों को किया जा रहा प्रताड़ित- चैंबर ने उच्च स्तरीय बैठक में उठाया मामला

0
177

*जमशेदपुर

12/03/2022

श्री संतोष कुमार अपर आयुक्त केन्द्रीय जीएसटी रांची जोन पटना द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई ! स्पेशल आउटरीच प्रोग्राम के तहत बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग को श्री दीपक अरोड़ा मुख्य आयुक्त सेंट्रल जीएसटी रांची जोन, पटना ने संबोधित किया। बैठक में राज्य भर के विभिन्न व्यापार प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से श्री पीयूष कुमार चौधरी एडवोकेट, सचिव कर और वित्त ने बैठक में भाग लिया। उन्होंने विभिन्न मुद्दों को मुख्य आयुक्त के सामने रखा। उन्होंने मुख्य आयुक्त को बीआईएफए रिपोर्टिंग के नाम पर अधिकारियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की जानकारी दी। विभाग के पास उपलब्ध गलत आंकड़ों के आधार पर डीलरों को कई नोटिस जारी किए जा रहे हैं और बिना किसी गलती के बार-बार वही डाटा मांगा जा रहा है. मुख्य आयुक्त ने इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लिया और श्री महफुजुर रहमान (आयुक्त) केंद्रीय जीएसटी जमशेदपुर को इस मामले को देखने के लिए कहा।

 

श्री चौधरी ने यह भी बताया कि विभाग एक वर्ष से अधिक समय तक विभिन्न मामलों में आईटीसी को अनब्लॉक नहीं कर रहा है जो कि कानून के खिलाफ है। जिसपर श्री दीपक अरोड़ा ने अधिकारियों को फटकार लगायी और ऐसे ममलों को उनके संग्यान में लाने का आदेश दिया।

श्री पीयूष ने मुख्य आयुक्त को जल्द से जल्द जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन की आवश्यकता से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि आईटीसी के नए प्रावधान विशेष रूप से छोटे डीलरों के लिए काला कानून हैं और सरकार से अनुरोध किया कि डीलरों को बेचने वाले डीलरों द्वारा नहीं दिखाए जाने पर भी अस्थायी आधार पर आईटीसी लेने की अनुमति दें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चूंकि शुरुआती दिनों में जीएसटी पोर्टल स्थिर नहीं था, इसलिए डीलरों के पास उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर पहले दो वर्षों के लिए आईटीसी की अनुमति दी जानी चाहिए। और बाद की अवधि के लिए, धारा 16 (4) में संशोधन किया जाना चाहिए और खरीदार को अपनी ओर से जीएसटीआर 2 में बिल विवरण डालने की अनुमति दी जानी चाहिए जो विक्रेता ने दर्ज नहीं किया है। उन्होंने अनुरोध किया कि यदि सरकार सभी डीलरों को कम से कम एक बार दाखिल रिटर्न में संशोधन करने की अनुमति देती है तो अधिकांश विवादों को एक बार में हल किया जा सकता है। श्री दीपक अरोड़ा, मुख्य आयुक्त ने सभी सुझावों को गंभीरता से सुना और उन्हें केंद्र सरकार को संप्रेषित करने का आश्वासन दिया ताकि इसे यथासंभव लागू किया जा सके।

 

श्री विजय आनंद मूनका अध्यक्ष, श्री दिलीप गोलछा उपाध्यक्ष टैक्स एंड फाइनेंस, श्री मानव केडिया महासचिव, श्री राजीव अग्रवाल एडवोकेट पूर्व सचिव, भारत मकानी सचिव पीआरडब्ल्यू भी बैठक में मौजूद थे।*