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Mon. Jun 23rd, 2025

पूर्व जिला पार्षद करुणामय मंडल द्वारा निरंतर जारी है दिव्यांगों की सेवा

सायद यह बाबा का ही इच्छा था – हाथीखेदा बाबा के मंदिर से पूजा देकर लौटने के क्रम में ” दत्त भोजनालय ” (बामनी) में चाय पीकर जब पूर्व जिला पार्षद करुणामय मंडल अपने गाड़ी की ओर जारहे थे तो दो नेत्रहीन को अपने गाड़ी के पास खड़े मिले। दोनों निकले है भिक्षाटन में। एक के हाथ में कटोरा तो दूसरे के हाथ में मैली थैली। मानो बाबा का ही कुछ संकेत था – दोनों के सामने जाकर जब श्री करुणामय मंडल उनके बारे में जानना चाहा तो उन्होंने अपना नाम पता बताई एवं अपनी दुःखड़ा सुनाई।
1) मिहिर माझी, पिता – मटका माझी, उम्र – 30 वर्ष (लगभग), 2) सालमी सोरेन, पिता – स्व.- गोविन्द सोरेन, उम्र – 30 (लगभग), दोनों ही गाँव – बामनी, टोला – बरडीह, पंचायत – खेडूवा, प्रखंड – पटमदा के निवासी हैं। पूछने पर बतया दोनों दिव्यांग होने के बावजूद अभी तक उन्हें पेंसन योजना का लाभ नहीं मिला है। – अफ़सोस है। हम कँहा हैं ? सांसद से लेकर पंचायत प्रतिनिधि तक, – एन.जी.ओ. से लेकर प्रशासन तक हम कँहा हैं ? – कौन देखेगा इन्हें – कब देखेगा ?
…  पूर्व जिला पार्षद  करुणामय मंडल आश्वासन तो दिये नहीं लेकिन मन ही मन सोचा की हर मुमकिन दरवाजे खटखटा कर इनके आवाज पँहुचाने का प्रयाश करूँगा – नहीं होगा खुद आकर इन्हें सदर अस्पताल का कैम्प ले जाकर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने एवं स्वामी विवेकानन्द निःशक्त स्वावलम्बन प्रोत्साहन भत्ता दिलवाने में हर प्रकार की सहयोग करूँगा।
– तत्काल उन दोनों के हाथों में कुछ पैसे और होटल से मिष्ठान्न लाकर दिये एवं नेत्र हिन् इन दिव्यांगों को मन ही मन दिव्य के रूप में नमन किये।

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