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Sun. Jan 19th, 2025

स्वर्गीय कार्तिक उरांव की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन   गुमला।सिसई

स्वर्गीय कार्तिक उरांव की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन

गुमला।सिसई प्रखंड मुख्यालय के कार्तिक उरांव आदिवासी बाल विकास उच्य विधालय टांगरा मे शुक्रवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के द्वारा कार्तिक उरांव के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 97 वाॅ जयंति मनाया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पहान पुजार के द्वारा पूजा अर्चना कर किया गया।इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री गीता श्री उरांव ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुवे कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने आदिवासी-समाज की विकास के लिए लगातार प्रयासरत रहे है।चाहे व शिक्षा मे हो या विकास के क्षेत्र मे हो।अगर बाबा कार्तिक उरांव नही होते तो आज आदिवासी समुदाय पूर्ण रूप से भूमिहीन हो जाते।समाज से उनका आस्तिव और सांस्कृति ही मिट जाती सभी बेघर और पलायन हो जाते।चुंकि जब 1968 मे भूदान आंदोलन तेज था तब आदिवासीयो का जमीन कौङी के भाव बिक रही थी ऐसे समय मे बाबा कार्तिक उरांव जी ने इंदिरा गांधी से अपील की कि आदिवासी की जमीन लूटने व भूमिहीन होने से बचाय और उनका प्रयास सफल रहा।गांधी ने भूमि वापसी अधिनियम बना कर आदिवासी की खोई जमीन को वापस कराने की ब्यवस्था की।झारखंड मे कृषि विश्वविद्यालय का स्थापना कराया,ट्राइबल सब प्लान उन्ही का देन है।इसी प्लान के अधार पर आज केंद्र व राज्य सरकार आदिवासियों के विकास के लिए विविध प्रकार की विकास योजनाएं चला रही है ऐसा महान पुरुष आज हमारे बीच नही है लेकिन उनके बताये मार्ग पर हम सब को चलने की जरूरत है।युवा नाशापान से दूर हो और शिक्षा को हथियार बनाए इसी से जंग जीती जाऐगी।वही जिला परिषद अध्यक्ष किरण बाङा ने कहा कि आदिवासी समाज की उत्थान के लिए कार्तिक उरांव जी ने जो काम किया है उसे युगो-युगो तक याद रहेगा।आदिवासी को शिक्षा से जोङकर उन्हे शसक्त बनाना उनका सबसे बङा लक्ष्य रहा है।आप सभी अपने अपने बाल बच्चो को शिक्षा दिलाए ताकि वे अपना हक और ञअधिकार को जान सके और उसे प्राप्त कर सके।पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि स्व कार्तिक उरांव जी आज हमारे बीच नही है लेकिन उनका संघर्ष और आदिवासी समुदाय के लिए किया गया सराहनीय पहल हमेशा याद रखी जाऐगी।उन्होंन ने आदिवासी हित मे सेवा देते देते अपने जीवन को समर्पित कर दिये आज उनके बताय मार्ग मे चलना हम सब का कर्तव्य है ताकि आदिवासी-समाज को एक नया अयाम दिया जा सके।एलन उरांव ने कहा कि स्व कार्तिक उरांव हम सब का प्रेरणा श्रोत रहे हैं उन्होंन अपना जीवन आदिवासी के विकास व शिक्षा मे समर्पित कर दिये।

डॉक्टर करमा उरांव ने कहा कि कार्तिक उरांव जी हमेशा से आदिवासी की भला करते रहें है हर वक्त उन्होंन आदिवासी-समाज को हर अच्छे क्षेत्र मे सबसे आगे ले जाने के लिए कटिबध्द थे और उनका हक अधिकार के लिए हमेशा से लङते रहे हैं।इसलिए आदिवासी समुदाय अपने अपने बाल बच्चो को शिक्षा जरूर दिलाए।इसी मे समाज का भाला है।

मौके पर डॉक्टर करमा उरांव,एलेन उरांव,सचिदानंद उरांव,कैप्टेन लोहरा उरांव,सनियारो देवी,शुसील उरांव,पूर्व डीएसपी दिनेश उरांव,लोहरमैन उरांव, जीता उरांव,शकुंतला उरांव,जेएमएम प्रखंड अध्यक्ष रबि उरांव,गौरीनाथ भगत,लक्ष्मी कुमारी,सुनिता देवी,बुधराम उरांव,मनीया टाना भगत,सोमेश उरांव,बसंती उरांव, योशदा उरांव,रोपना उरांव सुनिता उरांव,पुनिता उरांव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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