*सीआई के खुलासा से अवैध जमाबंदी कराने वाले सफेदपोशों की नींद हुई हराम*
*टंडवा: अंचल की तत्कालीन अंचल निरीक्षक फुलेश्वर साव के द्वारा सरकारी भूमि का अवैध जमाबंदी का सनसनीखेज खुलासा करने के बाद टंडवा क्षेत्र एवं टंडवा क्षेत्र के बाहर के अवैध जमाबंदी कराने वाले सफेदपोशों की नींद हराम हो गई है। टंडवा अंचल कार्यालय और पूरे क्षेत्र में हड़कंप सा मच गया है। कल तक कर्मचारियों को संरक्षण देने वाले अंचल निरीक्षक फुलेश्वर साव के द्वारा अचानक कर्मचारियों के विरुद्ध आग उगलने के बयान से पूरे टंडवा क्षेत्र के साथ टंडवा अंचल में कार्यरत राजस्व कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया है। चतरा उपायुक्त तथा चतरा के अपर समाहर्ता एवं टंडवा अंचल अधिकारी को लिखे गए पत्र में फुलेश्वर साव के द्वारा बताया गया है कि टंडवा अंचल के हल्का 4 से लेकर हल्का 9 तक सीसीएल और एनटीपीसी के परियोजना संचालित है। इन हल्को में कार्यरत राजस्व कर्मचारियों के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध रूप से जमाबंदी कर पंजी 2 में पन्ना साटा गया है जो पुरानी पंजी 2 से काफी अलग है। उन्होंने आगे कहा कि भूमि के सत्यापन में अंचल निरीक्षक के जगह पर राजस्व कर्मचारी से हस्ताक्षर कर सैकड़ों हजारों अभिलेख अंचल निरीक्षक से बाईपास किया गया है जो गलत तरीके से सत्यापन किया गया यह जांच का विषय है। गौरतलब है कि टंडवा अंचल में अवैध जमाबंदी का मामला हमेशा से प्रकाश में आता रहा है लेकिन टंडवा अंचल में पदस्थापित एवं कार्यरत अंचल निरीक्षक के द्वारा अवैध जमाबंदी के विरुद्ध बेबाक रूप से खुलासा करने के बाद एक नया मोड़ आ गया है। चतरा जिला प्रशासन अब अवैध जमाबंदी रद्द करने मे कितना विलंब करती है यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि अंचल निरीक्षक फुलेश्वर साव के द्वारा साक्ष्य के रूप में पुरानी पंजी 2 तथा पंजी 3AA की चर्चा अपने पत्र में किया है।*
*क्या कहते हैं जानकार*- भू राजस्व के जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया की अवैध जमाबंदी को चिन्हित करना बहुत आसान है, जिला प्रशासन चाहे तो पुरानी पंजी 2 तथा पंजी 3AA जो अंचल कार्यालय में उपलब्ध है उसे
चालू पंजी 2 जो चतरा जिला अभिलेखागार कार्यालय में जमा है से मिलान कर गलत और अवैध जमाबंदी
को चिन्हित कर सकता है।*