लातेहार : पलामू किला मेला को लेकर पलामू प्रमंडल के डीआईजी राजकुमार लकड़ा, लातेहार एसपी अंजनी अंजनी पलामू किला परिसर पहुंचकर मेला की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सुरक्षा संबंधी जानकारी लेने के साथ-साथ उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिए। बाद में उन्होंने बेतला नेशनल पार्क का भ्रमण किया।
मेला शांतिपूर्ण संपन्न कराने में पुलिस की बड़ी भूमिका
दूसरे दिन खराब मौसम होने के बावजूद भी बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचे। सुरक्षा को लेकर दूसरे दिन भी पुलिस सक्रिय दिखी। औरंगा नदी के किला वाले हिस्से में जहां बरवाडीह डीएसपी दिलू लोहार, बीडीओ राकेश सहाय, थाना प्रभारी श्रीनिवास सिंह, छिपादोहर थाना प्रभारी विश्वजीत तिवारी दल बल के साथ मौजूद रहे। वही मेला लगने वाले स्थल पर सतबरवा पुलिस मुस्तैद रही। मेला को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में पुलिस की बड़ी भूमिका रही।
बड़ी संख्या में लोगों ने बेतला नेशनल पार्क का किया भ्रमण
पलामू किला मेला पहुंचे बड़ी संख्या में लोगों ने पार्क का भी भ्रमण किया। अपने रिश्तेदारों मित्रों के साथ घूमने आए लोगों ने जंगली जानवरों को देखकर खुशी जाहिर की। इधर भीड़ को देखते हुए वन विभाग के द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किया गया था। जंगली जानवरों को कोई क्षति न पहुंचे इसके लिए जगह-जगह पर बन कर्मियों को तैनात किया गया था।
राजा मेदिनी राय की याद में लगता है दो दिवसीय पलामू किला जतरा मेला
लातेहार : राजा मेदिनी राय की याद में छठ महापर्व के अवसर पर लगने वाले दो दिवसीय पलामू किला जतरा मेला का समापन शनिवार को हो गया। शुक्रवार को मेले का उद्घाटन मनिका विधानसभा के कांग्रेसी विधायक रामचंद्र सिंह ने किया था। कोरोना काल के बाद इस बार मेला में अप्रत्याशित रूप से भीड़ उमडी़। पलामू प्रमंडल के कोने-कोने से गांव के हजारों लोग मेला पहुंचे।
मेला समापन के अवसर पर अचिंता देवी, सतबरवा अंचल के अंचलाधिकारी युगेश्वर सिंह, विधायक प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह चेरो, राणा प्रताप कुशवाहा, भाजपा नेता आशुतोष सिंह चेरो समेत कई लोगों ने भाग लिया।
1965 से हो रहा मेले का आयोजन
1965 ईस्वी में पलामू के तत्कालीन डीसी सुरेश सिंह के द्वारा मेले की शुरुआत की गयी थी. तब से प्रत्येक वर्ष मेला लगाया जाता है. छठ पूजा के पारण के एक दिन बाद मेला लगाया जाता है। मेला में बड़ी संख्या में पलामू प्रमंडल के अलावे दूसरे राज्य के लोग भी पहुंचते हैं। इस दौरान न केवल मेले में खरीदारी करते हैं बल्कि ऐतिहासिक पलामू किला का दीदार भी करते हैं।
लातेहार : पलामू किला पलामू प्रमंडल के गौरव और वैभव का प्रतीक माना जाता है। 16 वीं शताब्दी में निर्मित इस किला का अपना ऐतिहासिक महत्व है। पलामू किला चेरो राजवंश के गौरव गाथा का बखान करता है। घने जंगलों व पहाड़ियों के बीच कल-कल बहती औरंगा नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज स्थित पलामू किला अपनी खूबसूरती व कारीगरी का अद्भुत मिसाल है।
पलामू किला दो भागों में बटा हुआ है। एक भाग पुराना किला के नाम से प्रसिद्ध है। जो औरंगा नदी के तट पर है। उसी किला से थोड़ी ही दूरी पर पहाड़ी पर एक और किला है जिसे नया किला का नाम दिया गया है। बताया जाता है कि पुराने किले का निर्माण राजा मेदिनी राय के द्वारा कराया गया था। जबकि नया किला का निर्माण उनके पुत्र प्रताप राय के द्वारा कराया गया था।
पलामू किला लातेहार जिला के बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क की परिधि में है। जबकि मेला पलामू जिले के सतबरवा स्थित मेला टांड़ में लगाया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर प्रदेश के चुनार के लाखोरी ईंट से पलामू किला का निर्माण कराया गया था। स्थानीय पत्थर का भी उपयोग किया गया है। इस किले की भव्यता देखते ही बनती है।