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Wed. Apr 23rd, 2025

Online games on mobile:महिला पर चाकू-हथौड़े से वार, गेम टास्क पूरा करने के लिए बच्चे ने किया अटैक

मोबाइल पर ऑनलाइन गेम बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, इस पर देहरादून की एक घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है. एक बच्चे ने नेहरू कॉलोनी में सरेराह महिला को सिर पर हथौड़ी और चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया. प्रांरभिक जांच में मामला ऑनलाइन टास्क गेम से जुड़ा होने का पाया गया है. पुलिस के हाथ लगी ऑनलाइन गेमिंग चैट के आधार पर बताया जा रहा है कि टास्क पूरा करने के लिए एक बच्चे ने इस वारदात को अंजाम दिया.

घटना गुरुवार रात की है जब स्वर्ण गंगा एनक्लेव में रहने वाली ज्योति नेगी पर किसी शख्स ने जानलेवा हमला कर दिया. उस वक्त ज्योति कॉलोनी की सड़क पर टहल रही थीं. उनके पति सिद्धार्थ आहलुवालिया करीब 100 मीटर दूर स्थित एक दुकान पर दूध लेने गए हुए थे.

नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज शिकायत में सिद्धार्थ ने बताया कि अज्ञात शख्त ने ज्योति पर हथौड़ी और चाकू से हमला किया. पुलिस के अनुसार घटनास्थल से एक प्रोजेक्ट फाइल, हथौड़ी और सब्जी काटने वाला चाकू बरामद हुआ है.

‘ज्योति ने बताया कि हमलावर ने उसके सिर की पिछली तरफ प्रहार किया. बाद में पुलिस उनके पास आयी और गुमशुदा बच्चे की तस्वीर दिखा कर उनसे पहचान करने को कहा तो महिला ने बताया कि जिस बच्चे की तस्वीर पुलिस ने उसे दिखायी उसी ने उस पर हमला किया था.

जिस बच्चे की पुलिस ने महिला को तस्वीर दिखाई थी वो फरार है और उसी समय से फरफ है जब महिला पर हमला हुआ था.

घटनास्थल पर एक प्रोजेक्ट फ़ाइल भी मिली है जो उसी बच्चे की है जो घटना के दिन से ही अपने घर से फरार है.

देहरादून के एसएसपी ने बताया कि बच्चा फरार है जिसकी तलाश है, पता करना जरूरी है कि ऑनलाइन गेम में उसके साथ और कौन जुड़ा है.

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रांरभिक जांच में सामने आया है कि लापता बच्चा अपने घर के किसी अन्य सदस्य और दोस्त का मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था. उस पर मिली ऑनलाइन गेम चैट से पता चल रहा है कि वह टास्क पूरा करने के लिए बुरी तरह फंस गया था. चैट का यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसने टास्क पूरा करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है.

पुलिस कप्तान ने बताया कि बच्चे का अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा है. उसकी तलाश की जा रही है. उसके सामने आने पर ही असल कहानी पता चलेगी. साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी कि इस गेम मे उनके साथ कौन-कौन जुड़ा हुआ था और उसे गेम खिलवाने वाला शख्त कौन है. फिलहाल, पुलिस ने अभिवाहकों से भी बच्चों की निगरानी करने के साथ उनको ऐसे गेम्स से दूर रखने की सलाह दी.

द ब्लू व्हेल गेम के हैं संकेत-

योगेंद्र सिंह रावत फिर भी थोड़ा जो हम बता सकते हैं वो ये कि पुलिस को बच्चे की चैट से द ब्लू व्हेल चैलेंज गेम खेलने के संकेत मिले हैं. मगर पुख्ता कहना अभी मुश्किल है जब तक घटना के बाद से ही फरार बच्चा पुलिस के कब्जे में न आ जाये.

मनोचिकित्सक मुकुल शर्मा का मानना है कि ऐसे कई गेम्स हैं जो बच्चों की सोचने की ताकत को शून्य कर देते हैं. बच्चे ऐसे गेम्स के आदी होकर रह जाते हैं. फिर इन गेम्स में बच्चों को कई तरह के टास्क दिये जाते हैं जिनमें किसी पे हमला करने से लेकर खुद को नुकसान पहुंचाने से लेकर आत्महत्या तक के टास्क दिये जाते हैं, इनको बच्चे बिना सोचे पूरा करने में पीछे नहीं हटते.

कौन से ऑनलाइन गेम हैं खतरनाक

  • द ब्लू व्हेल चैलेंज: इस गेम में 50 टास्क पूरे करने होते हैं. इसमें खुद को नुकसान पहुंचाने से लेकर डरावने वीडियो देखना, रात को दो-तीन बजे तक जागना आदि शामिल होता है. गेम के अंतिम चरण में खेलने वाले को सुसाइड करना होता है और उसके प्रमाण भी भेजने होते हैं.
  • द पावआउट चैलेंज: इसे चोकिंग (दम घुटना) गेम के नाम से भी जाना जाता है. यह गेम युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो चुका है. गेम में ज्यादा स्कोर हासिल करने के लिए सांस रोकनी होती है. गेम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बच्चे ऐसा करने को विवश होते हैं. इसमें बच्चों की जान तक जा सकती है.
  • द साल्ट एंड आइस चैलेंज: इस गेम में यूजर को अपनी त्वचा के ऊपर नमक डालने के बाद वहां बर्फ रखनी होती हैं. नमक बर्फ के तापमान को बेहद कम कर देता है. इससे त्वचा संबंधी कई रोग हो सकते है.
  • द फायर चैलेंज: इस गेम में यूजर को अपने शरीर में आग लगानी होती है. यह काम किसी ज्वलनशील पदार्थ से करना होता है. इसी गेम के फेर में अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक लड़के के जान गंवा दी थी.
  • द कटिंग चैलेज: यह गेम खुद के शरीर में घाव करने के लिए उकसाता है. इसकी फोटो भी अपलोड करने होती है. बच्चों को लगता है कि ऐसा करने से वह पॉपुलर हो रहे हैं, मगर हकीकत में वह समझ नहीं पाते कि यह कितना जानलेवा हो सकता है.

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