पलामू
पलामू जिला अधिवक्ता संघ चुनाव को ले सरगर्मी तेज।अधिवक्ता संघ का चुनाव मार्च में होने की सम्भावना।संतोष कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट।मेदिनीनगर,पलामू जिला अधिवक्ता संघ के द्विवार्षिक चुनाव को ले सरगर्मी तेज हो गई है।चारो तरफ चुनाव की ही चर्चा हो रहा है। संभावित प्रत्याशी अभी से ही चुनाव को लेकरप्रचार प्रसार शुरू कर दिए हैं ।संभावित प्रत्याशी जहां अधिवक्ताओं को टेबल पर जाकर चाय के बहाने रणनीति बनाने में लगे हैं ।वहीं कुछ प्रत्याशी अधिवक्ताओं के घर पहुंच कर भी पहले से ही अपनी दावेदारी जता रहे हैं ।ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर उनका दावेदारी कितना कारगर साबित होगा। ऐसे जो भी हो पलामू जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ,महासचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है ।प्रत्याशी अधिवक्ताओं को अपने पाले में करने के लिए लगे हैं।बिदित हो कि पलामू जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव काफी रोचक होता है ।दो वर्ष के लिए होने वाले इस चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए सभी की निगाहें टिकी रहती है। लगभग 500 मतदाता अधिवक्ता चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करेंगे ।इस बार के चुनाव में युवा मतदाताओं का अहम भूमिका होगा ।हालांकि झारखंड स्टेट बार काउंसिल से अभी तक चुनाव को लेकर कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। बावजूद भी संभावित प्रत्याशी चुनाव की तैयारी में लग गए हैं। व अपना प्रचार प्रसार आरंभ कर दिए है ।युवा अधिवक्ताओं का पूछ इन दिनों काफी बढ़ गया है।क्योकि उनका मत निर्णायक होता हैं। विदित हो कि पलामू जिला अधिवक्ता संघ का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। इस बार जहां अध्यक्ष पद के लिए सच्चिदानंद तिवारी, गिरजा प्रसाद सिंह, व रामदेव प्रसाद यादव की दावेदारी मजबूत बताया जा रहा है। वही महासचिव पद के लिए सुबोध कुमार सिन्हा, के सी पांडेय व राजीव रंजन भी मजबूत दावेदार हो सकते है।कोषाध्यक्ष पद के लिए जय किशोर पाठक मदन कुमार तिवारी ,वरुण कुमार सिंह,व उपाध्यक्ष पद के लिए मंधारी दुबे, विनोद तिवारी,व संतोष दुबे की दावेदारी की प्रबल संभावना है। हालांकि कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि चुनाव होली के पूर्व कराया जाए। वहीं कुछ अधिवक्ताओं ने होली बाद ही चुनाव कराने का इच्छा जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल पलामू जिला अधिवक्ता संघ चुनाव को ले कब अधिसूचना जारी करती है ।सबो की निगाहें झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आदेश पर टिकी है।
बबलू खान की रिपोर्ट