डीवीसी की दो टूक, जेबीवीएनएल नया पेमेंट गारंटी दे, नहीं तो प्री-पेड बिजली ले

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घाटशिला:-

दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने बकाया भुगतान को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत 160 से 180 करोड़ रुपए के पेमेंट गारंटी को इन्वोक (भुनाने की प्रक्रिया) कर दिया है। इसके लिए बैंक को डीवीसी की ओर से पत्र भेज दिया गया है। डीवीसी के मुख्य अभियंता वाणिज्य मानिक रक्षित की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने अब भी बकाया के विरुद्ध भुगतान नहीं किया तो उसे ग्रिड से बिजली खींचने से रोका जाएगा। यह जानकारी डीवीसी के पीआरओ अभय भयंकर ने दी।

डीवीसी के मुख्य अभियंता रक्षित की ओर से कहा गया है कि भविष्य में बिजली की आपूर्ति के लिए जेबीवीएनएल को एक नया लेटर ऑफ क्रेडिट देना होगा। यदि लेटर ऑफ क्रेडिट देने की स्थिति में जेबीवीएनएल नहीं है तो अगले दिन की बिजली आपूर्ति के लिए अग्रिम पैसा जमा कर सकता है और डीवीसी दैनिक आधार पर जमा किए गए धन के अनुसार बिजली की आपूर्ति करता रहेगा। डीवीसी ने यह भी कहा है कि जो लोग डीवीसी के सीधे उपभोक्ता बनना चाहते हैं उनका स्वागत है। वह आवेदन कर सकते हैं और डीवीसी उन्हें 24 घंटे बिजली की आपूर्ति का आश्वासन देता है।

डीवीसी ने गिनाई अपनी परेशानी

डीवीसी को कोयले के लिए अग्रिम भुगतान करना पड़ता है और अपने कर्मचारियों को वेतन भी देना पड़ता है। जेबीवीएनएल द्वारा भुगतान नहीं किए जाने के कारण डीवीसी न तो कोयले का भुगतान कर पा रहा है और न ही वह अपने कर्मचारियों को वेतन दे पा रहा है। अगर जेबीवीएनएल ने डीवीसी को भुगतान नहीं किया तो डीवीसी बिजली की आपूर्ति नहीं कर सकेगा। लेटर ऑफ क्रेडिट के नियम के अनुसार बिजली की आपूर्ति की जानी है।

जेबीवीएनएल ने करंट बिल की एक किस्त दी

डीवीसी के मुख्य अभियंता वाणिज्य मानिक रक्षित का कहना है कि जेबीवीएनएल ने डीवीसी से 660 मेगावाट विद्युत आपूर्ति के लिए करार किया था। एक अप्रैल 2020 तक जेबीवीएनएल पर बिजली आपूर्ति के विरुद्ध 5209.31 करोड़ का बकाया था। 14 मार्च 2020 को जेबीवीएनएल और डीवीसी के बीच हुए करार के अनुसार जेबीवीएनएल द्वारा मार्च 2020 से लागू मासिक बिल का नियमित रूप से भुगतान करने पर सहमति हुई थी और पुराने बकाए का भुगतान करने के लिए झारखंड सरकार का अनुमोदन लेने की सहमति भी हुई थी, लेकिन जेबीवीएनएल ने अपने पुराने बकाया के विरुद्ध केवल एक किस्त का भुगतान किया और उसके बाद कोई किस्त नहीं दी।

घाटशिला कमलेश सिंह