हड़ताल के समर्थन में उतरे यूनियन नेता। कहा, सरकार ने जन विरोधी कानून रद्द नहीं किए तो आंदोलन आगे बढ़ेगा

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गिरिडीह

देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में आज बनियाडीह में विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े श्रमिक संगठनों के नेताओं ने सरकार का विरोध जताते हुए तत्काल सभी तरह के श्रम विरोधी कानूनों तथा निजीकरण के फैसलों को वापस लेने की मांग की।

श्रमिक नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी-शाह की सरकार पूरी तरह से कारपोरेट परस्त तथा मजदूर किसानों की विरोधी है। इस सरकार की एक-एक नीतियों से कारपोरेट जगत को फायदा पहुंच रहा है, जबकि श्रमिक वर्ग तबाह हो रहे हैं। देश के किसानों पर भी हमला तेज हो गया है। मेहनतकशों का हरेक तबका आज केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर है। कहा कि यदि सरकार ने जन विरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया, श्रम विरोधी कानूनों को रद्द नहीं किया तो यह लड़ाई सिलसिलेवार ढंग से आगे बढ़ेगी।

आज के आंदोलन में अन्य लोगों के अलावा यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन (एटक) के देव शंकर मिश्र एवं जीबलाल बेलदार, सीएमडब्ल्यू के राजेश कुमार यादव, राजेश सिन्हा एवं पप्पू खान, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के तेज लाल मंडल, नरेश कोल एवं महेश यादव, कोलफील्ड मजदूर यूनियन के अमित यादव एवं अशोक मंडल आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

गिरिडीह से चन्दन के साथ डिम्पल की रिपोर्ट