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घर-घर वायरल फीवर के मरीज लोगों में डर, कहीं कोरोना तो नहीं

घाटशिला: कमलेश सिंह

जमशेदपुर:लगातार बारिश के बाद बीमारियों ने दस्तक दे दी है। हर घर में लोग बीमार पड़ रहे हैं। मौसम में बादल के कारण सर्दी खांसी जुकाम और बुखार यानी वायरल फीवर जैसी बीमारी हो रही है। वायरल बुखार होने पर या 4 से 6 दिनों में दवा लेने पर ठीक हो जाता है। लेकिन इन दिनों कोरोना महामारी के कारण वायरल फीवर होने पर भी लोग डरे हैं। वायरल बुखार के लक्षण दिखाई देने पर अधिकांश लोग इसे कोरोना समझने लगे हैं। क्योंकि कोरोनावायरस के भी लक्षण वायरल बुखार से मिलते हैं। जिले के एमजीएम अस्पताल एवं सदर अस्पताल में वायरल फीवर के मरीज लगातार इलाज के लिए आ रहे हैं। मेडिसिन ओपीडी में इसकी संख्या काफी बढ़ी है। एमजीएम के मेडिसिन ओपीडी में लगभग 120 से 130 मरीज वायरल फीवर के हैं तो सदर अस्पताल में लगभग 60 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। डॉ आर एन झा ने कहा बारिश से मच्छरों की तादाद में इजाफा होने का खतरा बढ़ा है। मच्छरों पर वार अभियान जल्द शुरू कराया जाएगा। इसके तहत एंटी लारवा का छिलका होगा। दरिया और डेंगू मलेरिया से जूझ रहे मरीजों की जांच एवं इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है।

क्या है एक्सपर्ट व्यू:-मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से बड़ी है बीमारी

एमजीएम अस्पताल के बलिया चिकित्सक डॉक्टर मतीन खान ने कहा मौसम में उतार-चढ़ाव से मौसमी बीमारी बढ़ी है । ऐसे में सर्दी जुकाम बुखार और गले में खराश जैसी परेशानी बढ़ रही है। यह लक्षण कोरोना जैसे ही हैं। जो परेशानियों उलझन पैदा करते हैं पर इससे डरने की जरूरत नहीं है समय पर जांच एवं इलाज से मरीज ठीक हो रहे हैं।

बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी की जरूरत सी एस

सिविल सर्जन डॉ आरएन झा ने कहा अभी के मौसम में बच्चों बुजुर्गों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। डायबिटीज दिल और ब्लड प्रेशर समेत दूसरी बीमारी से जूझ रहे मरीज संजीदा रहे हैं। सांस के मरीजों की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। मौसमी बीमारी से पीड़ितों के अस्पताल पहुंचाने से कोरोना संक्रमण के प्रसार की आशंका बढ़ी है।

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