जमशेदपुर :राज्य में विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड में अवकाश की मांग सबसे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅक्टर अजय कुमार ने उठाया था.उन्होने न सिर्फ सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट किया बल्कि इस पर एक पोस्टर भी जारी किया.उक्त बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम कुमार ने राजधानी न्यूज से कहीं.उन्होंने कहा कि डाॅक्टर साहब राज्य के पहले गैर आदिवासी राष्ट्रीय नेता हैं जिन्होने सबसे पहले इस मांग को उठाया है.इसके बाद ही ट्वीटर पर अन्य लोगों ने इस पर सीएम को ट्वीट करना या पत्र लिखना शुरू किया है.
बताते चलें कि डाॅक्टर अजय के बाद राज्य के वरिष्ठ पत्रकार प्रीतम भाटिया ने इस मामले को डाॅक्टर अजय के ट्वीट को रिट्वीट कर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा,मंत्री रामेश्वर उरांव,दुमका सांसद सुनील सोरेन,विधायक बंधु तिर्की,विधायक सीता सोरेन सहित अन्य लोगों को टैग किया.जिसके बाद सबसे पहले सोरेन परिवार से जामा विधायक सीता सोरेन ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ हेमंत सोरेन को ट्वीट किया बल्कि पोस्टर भी जारी किया.
इसके बाद विस सचेतक जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने ट्वीट और पत्र लिखकर सीएम से आगामी 9 अगस्त को राज्यभर में अवकाश की मांग की है.
इस मामले में मुख्यमंत्री का एक बयान समाचार पत्रों में छपा है कि 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.सूत्रों कि मानें तो चूँकि 9 अगस्त को रविवार है और इस दिन अवकाश होने के कारण सीएम आदिवासी दिवस के अवकाश की स्थायी घोषणा कर सकते हैं जिसके बाद प्रत्येक वर्ष राज्य में 9 अगस्त को आदिवासी दिवस की सरकारी छुट्टी हो सकती है.
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अवकाश की घोषणा के पश्चात झारखंड में भी यह मांग जोर पकड़ रही है और सभी अपने-अपने ढंग से आदिवासी दिवस पर अपने विचार ट्वीटर और पत्र के द्वारा सीएम तक पहुँचा रहें हैं खैर निर्णय जो भी हो लेकिन इस मांग की पहली शुरूआत आम आदमी पार्टी के अनुसार डाॅक्टर अजय कुमार ने की है.झारखंड में अजय कुमार आम आदमी पार्टी में ज्यादा से ज्यादा आदिवासी चेहरे को जोड़ रहें हैं और दुमका और बेरमों उपचुनाव पर भी उनकी नजर है.सूत्र बतातें हैं कि दुमका और बेरमों उपचुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी भी अपना उम्मीदवार देने की तैयारी कर रही है.यही कारण है कि आदिवासियों के मुद्दे पर पार्टी सक्रिय भूमिका अदा कर हर मामले में क्रेडिट लेना चाहती है जिसकी विश्व आदिवासी दिवस की मांग से शुरू हुई है.