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भारतीय जनता पार्टी ने नई शिक्षा नीति 2020 का स्वागत करते हुए मोदी सरकार का आभार जताया है. झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने नई शिक्षा नीति से वर्षों से लंबित ‘शिक्षा के भारतीयकरण’ की आकांक्षा की पूर्ति की संभावना जतायी है.

 

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय मूल्यों के अनुरूप और वैश्विक मानकों पर खरा उतरने योग्य और अभिनंदनीय है. भाजपा ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किये जाने के निर्णय का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में शिक्षा व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव होगा. इस फैसले के साथ एलिमेंट्री कक्षाओं से लेकर उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही नियामक संस्था होगी ताकि अव्यवस्थाओं को समाप्त किया जा सके. उन्होंने कहा की 34 वर्षों की लंबी समयावधि के बाद शिक्षा नीति का पैटर्न बदला है. अब 10 + 2 को अलग-अलग फॉर्मेट में 5+3+3+4 के फॉर्मेट में बदल दिया गया है. अब 5वीं तक के छात्रों को मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रभाषा में ही पढ़ाया जाएगा. इसके माध्यम से मोदी सरकार ने शिक्षा नीति के भारतीयता पर जोर दिया है. छठी कक्षा के बाद व्यावसायिक और कौशल उपयोगी शिक्षा पर ज़ोर दी गई है. सभी इंस्टीट्यूट के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम का प्रावधान होना बहुउपयोगी और लाभकारी सिद्ध होगा. क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऑनलाइन कोर्स होंगे, जिससे क्षेत्रीय युवाओं को लाभ मिलेगा.

नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा

  1. 10 + 2 बोर्ड संरचना गिरा दी जाती है
    2. नई स्कूल संरचना 5 + 3 + 3 + 4 होगी
    3. 5 तक प्री स्कूल, 6 से 8 मिड स्कूल, 8 से 11 हाई स्कूल, 12 के बाद ग्रेजुएशन
    4. कोई भी डिग्री 4 साल की होगी
    5. 6 वीं std बाद में व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं
    6. 8 वीं से 11 तक के छात्र विषय चुन सकते हैं
    7. सभी स्नातक पाठ्यक्रम में प्रमुख और मामूली होंगे
    उदाहरण – विज्ञान के छात्र भौतिकी को मेजर और संगीत के रूप मामूली ले  सकते  है।  कोई भी संयोजन वह चुन सकता है
  2. सभी उच्च शिक्षा केवल एक प्राधिकरण द्वारा शासित होंगी।
    9. यूजीसी एआईसीटीई का विलय किया जाएगा।
    10. सभी विश्वविद्यालय सरकार, निजी, ओपन, डीम्ड, वोकेशनल आदि में समान ग्रेडिंग और अन्य नियम होंगे।
    11. देश में सभी प्रकार के शिक्षकों के लिए नए शिक्षक प्रशिक्षण बोर्ड की स्थापना की जाएगी, कोई भी राज्य नियम नहीं बदल सकता है
    12. किसी भी कॉलेज को प्रत्यायन का समान स्तर, इसके रेटिंग  के आधार पर स्वायत्त अधिकार और धन मिलेगा।
    13. माता-पिता के लिए घर में 3 साल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए और प्री स्कूल 3 से 6 के लिए सरकार द्वारा नया बुनियादी शिक्षण कार्यक्रम बनाया जाएगा
    14. एकाधिक प्रवेश और किसी भी पाठ्यक्रम से बाहर निकलें
    15. प्रत्येक वर्ष के लिए स्नातक के लिए क्रेडिट सिस्टम से छात्र को कुछ क्रेडिट मिलेंगे जिसका वह उपयोग कर सकता है यदि वह पाठ्यक्रम में ब्रेक लेता है और पूरा कोर्स करने के लिए फिर से वापस आता है
    16. सभी स्कूलों की परीक्षा एक वर्ष में सेमेस्टर वार होगी
    17. किसी भी विषय के मूल ज्ञान के लिए पाठ्यक्रम को कम कर दिया जाएगा
    18. छात्र व्यावहारिक और अनुप्रयोग ज्ञान पर अधिक ध्यान दें
    19. किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए यदि छात्र केवल एक वर्ष पूरा करता है तो उसे एक मूल प्रमाण पत्र मिलेगा, यदि वह दो वर्ष पूरा करता है तो उसे डिप्लोमा प्रमाणपत्र मिलेगा और यदि वह पूर्ण पाठ्यक्रम पूरा करता है तो उसे डिग्री प्रमाण पत्र मिलेगा।  किसी भी छात्र का कोई भी वर्ष ऐसा नहीं होगा जब वह बीच में पाठ्यक्रम को तोड़ देगा।
    20. सभी विश्वविद्यालयों के सभी स्नातक पाठ्यक्रम फ़ीड प्रत्येक पाठ्यक्रम पर कैपिंग के साथ एकल प्राधिकरण द्वारा शासित होंगे।अब हम आशा कर सकते हैं कि हमारी शिक्षा प्रणाली आधुनिक देशों के बराबर होगी और हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा।

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