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Fri. Dec 27th, 2024

टाटा मोटर्स के सुरक्षा अधिकारी विशाल सिंह और आरके सिंह की जमानत याचिका खारिज़

अस्थायीकर्मी स्व. आलोक रंजन की पत्नी  नीतू सिंह ने लगाए हैं गंभीर आरोप, पति को आत्मदाह के लिए उकसाने का भी है आरोप

जमशेदपुर:टाटा मोटर्स के बाईसिक्स कर्मी आलोक रंजन की कथित आत्महत्या मामले में टाटा मोटर्स के सुरक्षाधिकारी विशाल सिंह और आरके सिंह की जमानत याचिका शनिवार को खारिज़ हो गई। जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो महीनों की लंबी सुनवाई के बाद शनिवार को आदेश सुनाते हुए अभियुक्तों की जमानत याचिका को खारिज़ कर दिया। विदित हो कि स्व. आलोक रंजन की विधवा नीतू सिंह के लिखित शिकायत पर परसुडीह थाना में कांड संख्या 74/2020 दर्ज़ हुई थी। नीतू सिंह ने टाटा मोटर्स के सुरक्षा अधिकारी विशाल सिंह और आरके सिंह पर अनैतिक संबंध के लिए दबाव बनाने और उनके दिवंगत पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।

नीतू ने आरोप लगाया था कि आरोपियों की प्रताड़ना और गलत मंशा की पूर्ति के दबावों से तंग आकर उनके पति ने आत्मदाह कर लिया था। इस मामले में नीतू सिंह ने टाटा मोटर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते सहित महामंत्री आरके सिंह और अनिल शर्मा को भी आरोपी बनाया था। मामले में न्याय न मिलने के बाद नीतू सिंह ने मदद की गुहार लगायी और इसके बाद आजसू, भाजपा और कंपनी के कुछ मज़दूर नेताओं के दबाव के बाद डीजीपी और एसएसपी के निर्देश पर परसुडीह थाना में कांड दर्ज़ हुआ था। इस पूरे प्रकरण में नीतू सिंह ने परसुडीह थाना और टेल्को थाना की कार्यसंस्कृति को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर टाटा मोटर्स मुख्य गेट के समक्ष नीतू सिंह ने शांतिपूर्ण धरना भी दिया था जहां उनके संग मारपीट और हिंसक झड़प हुई थी।

इसी मामले में किन्नरों ने अर्धनग्न प्रदर्शन भी किया था। नीतू सिंह के समर्थन में आजसू नेता अप्पू तिवारी, मज़दूर नेता हर्षवर्धन सिंह, प्रकाश कुमार, भाजपा नेता अंकित आनंद, कांवाई चालक यूनियन के नेता ज्ञान सागर, इत्यादि ने भी सहयोगी भूमिका निभाई थी। टाटा मोटर्स के आरोपी सुरक्षा अधिकारी विशाल सिंह और आरके सिंह की जमानत याचिका खारिज होने पर नीतू सिंह ने कहा कि न्याय का संघर्ष अभी अधूरा है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को फांसी होने तक वे न्यायिक संघर्ष जारी रखेंगी। उन्होंने आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग को दुहराया है। नीतू सिंह की ओर से सरकारी अधिवक्ता सहित अधिवक्ता केएम सिंह ने पैरवी की थी।

 

 

 

 

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