नई दिल्ली:-बाबा रामदेव के बेहद करीबी कहे जाने वाले आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी रुचि सोया के एमडी पद से इस्तीफा दे दिया है। रूचि सोया के बोर्ड ने आचार्य बालकृष्ण के इस्तीफे को मंजूर भी कर लिया है। बालकृष्ण अब कंपनी के गैर-कार्यकारी और गैर-स्वतंत्र निदेशक होंगे। उनकी जगह बाबा रामदेव के भाई रामभरत कंपनी के नए मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए हैं। रामभरत लंबे समय से पतंजलि के दैनिक कामकाज को संभालते रहे हैं। उनकी सीधी रिपोर्टिंग आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को रही है। कंपनी का कहना है कि आचार्य बालकृष्ण ने अपनी अतिव्यस्तता के कारण रूचि सोया के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा दिया है। रूचि सोया की ओर से बताया गया, की ‘आचार्य बालकृष्ण ने अपनी अतिव्यस्तता के कारण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से 18 अगस्त 2020 को इस्तीफा दे दिया था। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उनके इस्तीफे को मंजूर कर उन्हें मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से मुक्त कर दिया। रूचि सोया की ओर से यह भी बताया गया कि उनकी जगह अब कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक रामभरत लेंगे। वह रोटेशन के तहत रिटायर नहीं होंगे। हालांकि अन्य नियम व शर्तें बोर्ड की मंजूरी से पहले की तरह ही लागू रहेंगी। इसके अलावा रुचि सोया ने संजीव अस्थाना को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बनाया है। अस्थाना ने इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री ली है। बाबा रामदेव की कंपनी से जुड़ने से पहले वह ब्रिटानिया, आईटीसी, रिलायंस रिटेल में काम कर चुके हैं। अस्थान को फूड एवं ऐग्रिकल्चर बिजनेस का एक्सपर्ट माना जाता है। इसके अलावा वह कई कमिटियों और बोर्ड का भी हिस्सा रहे हैं।
* 25 साल से साथ है रामदेव और बालकृष्ण
पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव बीते करीब 25 सालों से साथ काम कर रहे हैं। 1995 में दोनों ने मिलकर दिव्य फार्मेसी की शुरुआत की थी और उसके बाद 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी। पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर 10,000 करोड़ रुपये के करीब है। यही नहीं आचार्य बालकृष्ण 1.3 अरब डॉलर की दौलत के साथ दुनिया के टॉप 2,000 रईसों में शुमार किए जाते हैं।