Breaking
Tue. Dec 16th, 2025

उमीद पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने की CJI से एदार ए शरिया ने की मांग।

रांची: एदार ए शरिया, झारखंड के नाजीम ए आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को आज एक अपील नामा संख्या: EDSJ/786/4451/25 भेजकर अपील किया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारत में अवस्थित सभी तरह के अवकाफ संपत्तियों को उमीद सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड करने की हिदायत दी गई है इस संबंध में पत्र में अनुरोध किया गया है कि पूरे भारतवर्ष में अपलोड किए जा रहे लिंक सर्वर या तो डाउन हो गया है या कथित तौर पर जानबूझकर प्रभावित किया जा रहा है जिस कारण भारत के मुस्लिम समुदाय को उमीद सेंट्रल पोर्टल पर अवकाफ संपत्तियों को अपलोड करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश से दी गई अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर कम से कम एक वर्ष दिसंबर 2026 तक प्रदान किया जाए इस प्रक्रिया में यानी पुनः एक बार फिर रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता को मात्र भर अवकाफ संपत्तियों की ही अनिवार्यता ना रखी जाए अपितु सभी तरह के धार्मिक न्यास बोर्ड की संपत्तियों, बड़े-बड़े उद्योग कंपनियों, सभी कंस्ट्रक्शन फार्मो, सभी शिक्षण संस्थानों चाहे वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी हो या अलीगढ़ यूनिवर्सिटी हो सभी तरह के निबंधित व अनिबंधित बिना विशेष समुदाय के धार्मिक संपत्तियों को वांछित किए सभी प्रकार के संपत्तियों को इसी तरह के पोर्टल पर अपलोड कराने की हिदायत दी जाए ताकि केंद्र सरकार की अवकाफ विरोधी नीति माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष जाहिर हो जाए।

मौलाना रिजवी ने कहा कि इसमें भारत के 40 करोड़ से अधिक मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 ने मानसिक, शारीरिक व आर्थिक तौर पर परेशान कर दिया है।

Related Post