खरसावां : राजकीय पॉलीटेक्निक खरसावां के प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार पर लगे आरोपों को लेकर शुक्रवार को विधायक दशरथ गागराई ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. विधायक गागराई ने ज्ञापन में लिखा कि प्राचार्य द्वारा छात्रों का भयादोहन किया जा रहा है और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. आरोप है कि कई छात्रों को छात्रावास से निकालकर किराये पर रहने के लिए मजबूर किया गया और यूपीआई के माध्यम से जबरन पैसे वसूले गए. साथ ही, आंतरिक परीक्षा में अंकों का भय दिखाकर छात्रों को डराने-धमकाने की शिकायत भी की गई है.
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि संस्थान के व्याख्याताओं को सात माह का मानदेय अब तक नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. व्याख्याताओं ने प्राचार्य पर तानाशाही रवैया अपनाने, घंटी आवंटन में भेदभाव करने और अपने चहेतों को अधिक घंटी देने का आरोप लगाया है.
हालांकि, प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि छात्रों से सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क सरकारी बैंक खाते में लिए जाते है और इसका रसीद उन्हें दिया जाता है. संस्थान में अनुशासन एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है.छात्रों को परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, न कि डराया जाता है. प्राचार्य ने कहा कि संविदा व्याख्याताओं के मानदेय का भुगतान माह जून 2025 तक किया गया है तथा आवश्यकता आधारित व्याख्याता द्वारा विपत्र जमा नहीं करने के कारण इस वित्तीय वर्ष में भुगतान लंबित है, विपत्र जमा करने के लिए उन्हें पत्र भी निर्गत किए गए है.
प्राचार्य द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि VIVA के समय छात्रों से जो Attendance लिए गए थे, उन्हें शरारतपूर्ण तरीके से छात्रों के आरोप पत्र के साथ लगा कर सभी जगह भेजे गए है.
छात्रों के बेहतर वर्ग कार्य एवं प्रयोगशाला सुचारू रूप से हो इस हेतु काफी गंभीर है.

